माध्यमिक स्तर पर विज्ञान शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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उल्लेखनीय है कि, विद्यालय के व्याख्याता मनीष कुमार अहीर द्वारा ग्राम पंचायत बड़े मुरमा के प्रमुख पौधों एवं उनकी उपयोगिता पर लघु शोध कार्य किया गया। इस शोध में इमली, महुआ, साल, सरई, तेंदू एवं सागौन जैसे बस्तर के जीवन से जुड़े पौधों की पारंपरिक, औषधीय एवं आर्थिक उपयोगिता का अध्ययन किया गया। उदाहरण स्वरूप इमली का उपयोग खाद्य व औषधीय दोनों रूपों में, महुआ फूल का उपयोग पेय एवं मिठाई बनाने में, साल व सागौन की लकड़ी निर्माण कार्यों में, सरई पत्तों का उपयोग पत्तल-दोना बनाने में तथा तेंदू पत्तों का उपयोग बीड़ी निर्माण में किया जाता है। साथ ही विज्ञान शिक्षण की नवीन विधियों को आत्मसात करने हेतु व्याख्याता द्वारा माध्यमिक स्तर पर विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम में डिप्लोमा कोर्स में सहभागिता भी की गई। विज्ञान शिक्षक के द्वारा बस्तर जिले में आयोजित विज्ञान की विभिन्न गतिविधियों जैसे राज्य विज्ञान मेला, टीएम निर्माण, कबाड़ से जुगाड़, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान अंतर्गत विज्ञान गतिविधियां आदि में छात्रों का लगातार मार्गदर्शन किया जा रहा है और बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में प्राचार्य जीवन दास, सहायक प्राध्यापक डॉ. एचएन टंडन, डॉ. गुलाब साहू, जय नारायण पाणिग्रही, व्याख्याता सचिन कारेकर तथा एपीजे अब्दुल विज्ञान क्लब एवं युवा तथा एक क्लब शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़े मुरमा ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम की सफलता पर समस्त ग्राम पंचायत के सरपंच एवं बड़े मुरमा संकुल के सीएससी तथा सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने आज प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी।