विपक्ष के हंगामें के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित

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राज्यसभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही दो नए सदस्यों ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। इनमें एआईएडीएमके के आईएस इनबादुरई और एम. धनपाल शामिल हैं। इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने नियम 267 के तहत बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण, अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासियों के साथ कथित भेदभाव, छत्तीसगढ़ में दो ननों की कथित गिरफ्तारी और उत्तर प्रदेश में स्कूलों के विलय और बंद होने के कारण शिक्षा के अधिकार के उल्लंघन पर चर्चा के लिए नोटिस स्वीकार नहीं किए। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा तेज कर दिया। इस बीच उपसभापति ने सुधा मूर्ति को आंगनबाड़ी पर बोलने का मौका दिया, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर 02 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। इसके बाद कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण कार्यवाही मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि आज राज्यसभा और लोकसभा दोनों में सरकार ने बिहार में हो रही लोकतंत्र की हत्या पर चर्चा को रोकने की कोशिश की है। सरकार बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा नहीं कराना चाहती। नागरिकता तय करने का अधिकार चुनाव आयोग को नहीं है। यह गृह मंत्रालय का काम है।

विपक्ष के आरोपों पर संसद परिसर में मीडिया से बातचीत में भाजपा के लोकसभा सदस्य जगदंबिका पाल ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार अध्यक्ष ने बैठक बुलाई और निर्णय लिया कि हम सोमवार से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करेंगे। चर्चा के लिए 16 घंटे का समय तय किया गया, वक्ताओं के नाम भी तय हो चुके हैं। तो आज ‘एसआईआर’ पर चर्चा करने का क्या मतलब है? सदन का एक पूरा हफ़्ता बर्बाद हो गया। वे आज ‘एसआईआर’ पर क्या चर्चा करना चाहते हैं? अभी तो अंतिम सूची भी नहीं आई है। हर बार किसी का नाम जुड़ता है, किसी का नाम कटता है। उन्हें अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इस देश में वोट का अधिकार सिर्फ़ भारतीय नागरिकों को है। वे कौन सी लड़ाई लड़ रहे हैं? इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि वे बांग्लादेशी लोगों के लिए लड़ रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज लोकसभा में विपक्ष का रवैया स्पष्ट रूप से साबित करता है कि कांग्रेस और उनके सहयोगी विपक्षी दल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और हमारे सैनिकों और सशस्त्र बलों द्वारा भारत को दिलाए गए गौरव पर चर्चा करने से कतरा रहे हैं। यह निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है और नकारात्मक मानसिकता का प्रमाण है। विपक्षी दल देश और देश की जनता की भावनाओं के साथ खड़े नहीं हैं।