सीटू भवन एवं निर्माण मजदूर यूनियन का सातवां राज्य सम्मेलन सम्पन्न, हमीरपुर में 9 सितंबर को घेराव का ऐलान

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सम्मेलन में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 9 सितंबर को हमीरपुर स्थित राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इसके पहले अगस्त माह में गांव-गांव और परियोजना स्तर पर जन अभियान चलाया जाएगा ताकि मजदूरों के बीच जागरूकता फैलाई जा सके।

मजदूरों के अधिकारों का हनन: सम्मेलन में उठी तीखी आवाजें

सम्मेलन में आरोप लगाया गया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा गठित श्रमिक कल्याण बोर्ड मजदूरों के कानूनी अधिकारों को कुचलने का काम कर रहा है। बताया गया कि बोर्ड द्वारा 1.31 लाख मजदूरों की लगभग 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता रोक दी गई है। जबकि इस मुद्दे पर बोर्ड ने कई बार निर्णय लिया, लेकिन सचिव मुख्यमंत्री के निर्देशों के बिना उन्हें लागू नहीं कर रहे।

सम्मेलन में यह भी बताया गया कि वर्ष 2020 में जमा हुए आवेदन पत्रों पर अब जाकर 2025 तक ई-केवाईसी की शर्त थोप दी गई है। वर्तमान में 4.63 लाख पंजीकृत मजदूरों में से केवल 65 हजार की ही ई-केवाईसी हो सकी है। इस गति से यदि प्रक्रिया जारी रही तो कई साल लग जाएंगे और तब तक सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा।

मनरेगा, फोरलेन और निर्माण परियोजनाओं में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता की मांग

सम्मेलन में मनरेगा मजदूरों को साल में 100 दिन का रोजगार, 425 रुपये न्यूनतम मजदूरी और प्रत्येक माह समय पर भुगतान की मांग दोहराई गई। साथ ही हिमाचल में निर्माणाधीन फोरलेन, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और पनबिजली परियोजनाओं में 80% रोजगार हिमाचली मजदूरों को देने की मांग उठाई गई।

असंगठित क्षेत्र के अप्रवासी मजदूरों को संगठित करने, तथा जॉब ट्रेनी योजना का विरोध करते हुए सभी मजदूरों को नियमित रोजगार और स्थायी नियुक्ति देने की मांग की गई।

कानूनों को बचाने की जिम्मेदारी भी यूनियनों की: सुखवीर सिंह

सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुखवीर सिंह ने कहा कि भवन एवं अन्य निर्माण मजदूर कानून और मनरेगा कानून वामपंथी दलों और मजदूर आंदोलनों के संघर्ष का परिणाम हैं। आज जब सरकारें इन कानूनों को खत्म या कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, तब इनकी रक्षा करना यूनियनों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को समाप्त करने की कोशिशों के खिलाफ अब और तीव्र आंदोलन की आवश्यकता है।

नई राज्य कमेटी का गठन

सम्मेलन में नई राज्य कमेटी का गठन भी किया गया। हमीरपुर के जोगिंदर कुमार को प्रांत अध्यक्ष, जबकि रामपुर (शिमला) के अमित कुमार को महासचिव चुना गया। इसके अलावा भूपेंद्र सिंह, प्रेम गौतम, संतोष कुमार, आशीष कुमार और मदन नेगी को उपाध्यक्ष, चमन लाल, सुनील कुमार, राकेश कुमार, नरेंद्र कुमार और बालक राम को सचिव और मंडी के राजेश शर्मा को कोषाध्यक्ष चुना गया।

कमेटी के अन्य सदस्यों में गुरुदास वर्मा, करतार सिंह चौहान, राजेंद्र कुमार, गोपेंद्र शर्मा, सपना देवी, शीला देवी (मंडी), रंजन शर्मा, नवीन कुमार, शीला देवी (हमीरपुर), रामचंद्र, विजय कुमार (कुल्लू), दिनेश मेहता, ओम प्रकाश, टन्डूप फुंगचोंग, चत्तर सिंह, प्रेम लाल (शिमला), बलबीर, शुभम (बिलासपुर), केवल कुमार (कांगड़ा) और विक्की कुमार (चंबा) शामिल हैं।