मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी में बना वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम अब डिप्रेशन में तब्दील हो चुका है। इसके प्रभाव से राजस्थान के पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में अगले तीन दिनों तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। शनिवार को बारां, कोटा और झालावाड़ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां मेघगर्जन, वज्रपात और अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और सवाईमाधोपुर में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। वेदर सिस्टम के प्रभाव से जयपुर, अजमेर, दौसा, अलवर सहित कई जिलों में शुक्रवार रात से बारिश जारी है। जयपुर के चाकसू में बीते 24 घंटे में 25 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। अजमेर में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए शनिवार को स्कूलों की छुट्टी की गई है। जयपुर में शुक्रवार देर रात शुरु हुई बारिश शनिवार सुबह भी रुक रुक कर जारी रही। बारिश के कारण जयपुर के कई इलाकों में जलभराव हो गया है।
उधर, सवाई माधोपुर के बौंली क्षेत्र में रील बनाते समय 19 वर्षीय युवक चंदू बनास नदी में गिर गया, जिसकी तलाश में एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है। धौलपुर में बारिश के चलते ऐतिहासिक शेरगढ़ किले की दीवार ढह गई। भरतपुर के नगला छत्री गांव में खदान में ट्रैक्टर-ट्रॉली गिरने से ड्राइवर की मौत हो गई। मौसम विभाग के अनुसार 27 से 29 जुलाई के बीच कोटा और उदयपुर संभाग के कई जिलों में अति भारी बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में भी मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि डिप्रेशन सिस्टम अब ओडिशा और झारखंड से आगे बढ़ चुका है और इसका असर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान पर पड़ रहा है। आगामी तीन दिन प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश देखने को मिल सकती है।