जिला उपभोक्ता आयोग : विमानन कंपनी पर डेढ़ लाख का हर्जाना

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अनिल, उर्मिला, कृष्ण, साधना भंडारी, मंजू सिंघवी, महिपाल और मधु भंसाली ने परिवाद दायर कर कहा कि उन्होंने तीन महीने पहले 25 फरवरी 2023 को जोधपुर से दिल्ली होते हुए वाराणसी जाने आने के हवाई टिकट इंडिगो से बुक कराए थे। चेकिंग के बाद उन्हें जोधपुर और दिल्ली के बोर्डिंग पास जारी कर दिए गए। जोधपुर से निर्धारित समय से 24 मिनट देरी से विमान प्रस्थान होने पर दिल्ली 2 बजकर 5 मिनट पर विमान पहुंचा और एक यात्री कृष्ण के लिए व्हील चेयर बुक होने के बावजूद उपलब्ध नहीं कराए गया। इसके बाद भी सभी निर्धारित बोर्डिंग गेट 33 पर गए,तो उन्हें बताया गया कि बोर्डिंग गेट परिवर्तित कर 22 कर दिया गया,जबकि इसका कोई संकेत स्क्रीन पर नहीं आ रहा था। परिवादी ने कहा कि जब वे गेट 23 तक पहुंचे तो ढाई बजे उनके नाम की अंतिम कॉल की उद्घोषणा हुई और तीन यात्री चार पांच सेकंड में बोर्डिंग गेट 22 पर पहुंच गए,लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया, जबकि अन्य चार यात्री भी 10 सेकंड में पहुंच गए थे और हवाई जहाज रवानगी का समय दो बजकर 45 मिनट था। परिवादी ने इंडिगो अधिकारियों से कहा कि उनके शाम 6 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन और आरती का समय निर्धारित है,लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया। परिवादी ने आरोप लगाया कि उन्हें पक्का विश्वास है कि इंडिगो प्रबंधन ने उनके टिकट महंगे दामों पर अन्य यात्रियों को बेच दिए हैं।

परिवादी ने कहा कि उनके लगातार शिकायत किए जाने पर उन्हें देर शाम की फ्लाइट उपलब्ध कराई गई, जिससे वे वाराणसी अपनी होटल रात्रि 10 बजे पहुंचे। इंडिगो की ओर से अपने बचाव में यह कहे जाने पर कि बोर्डिंग के बंद होने के समय में वे कोई परिवर्तन नहीं कर सकते है। इसका प्रतिवाद करते हुए परिवादी ने कहा कि जोधपुर में एक यात्री के वास्ते उन्होंने निर्धारित अवधि के बाद चार मिनट तक बोर्डिंग गेट खुले रखे थे।

जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद मंजूर करते हुए कहा कि व्हील चेयर बुक होने के बावजूद एक यात्री को उपलब्ध नहीं कराना और बोर्डिंग गेट परिवर्तित करने की स्क्रीन पर कोई सूचना नहीं देना और अंतिम कॉल की उद्घोषणा के कुछ सेकंड के अंदर ही परिवादीगण के पहुंचने के बावजूद उन्हें प्रवेश से इनकार करने से यह स्पष्ट है कि अंतिम कॉल महज एक औपचारिकता थी।

उन्होंने कहा कि इंडिगो प्रबंधन की लापरवाही के कारण सभी परिवादी का धार्मिक दर्शन आदि का कार्यक्रम उस दिन रद्द हो गया। उन्होंने कहा कि इंडिगो ने अपनी गलती को छुपाने का प्रयास किया,सो उनका यह कृत्य न केवल सेवा में दोष है बल्कि टिकटधारी यात्रियों के प्रति उनका अनुचित व्यापार व्यवहार है। उन्होंने प्रति परिवादी बीस हजार रुपए हरजाना तथा टैक्सी किराया पांच हजार 100 रुपए और परिवाद व्यय 10 हजार रुपए कुल एक लाख 55 हजार 100 रुपए 45 दिन में अदा करने का आदेश दिया,अन्यथा 9 फीसदी ब्याज भी देना होगा।