याचिका में अधिवक्ता कुलदीप कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि आरोपितों ने उसकी बुजुर्ग मां को शेयर बाजार में मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर 42 लाख रुपये हडप लिए थे। इसे लेकर उसने 29 मार्च, 2024 को शिप्रा पथ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले में दोनों आरोपित भाइयों को गिरफ्तार किया था। वहीं 24 अप्रैल, 2024 को आरोपितों ने निचली अदालत में समझौता पत्र पेश कर जमानत ले ली। समझौते के तहत आरोपितों को छह माह में याचिकाकर्ता को राशि लौटानी थी, लेकिन उसकी ओर से दिए चेक बाउंस हो गए और उसे राशि का भुगतान नहीं हुआ। ऐसे में आरोपितों को मिली जमानत को रद्द किया जाए। दूसरी ओर आरोपितों की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने चेक बाउंस का मुकदमा कर रखा है। वहीं राजीनामे की शर्त पूरी नहीं होने को लेकर सदर थाने में अलग से एफआईआर दर्ज करा रखी है। ऐसे में उसे एक ही अपराध के लिए दो बार दंडित नहीं किया जा सकता। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपितों को मिली जमानत को निरस्त करते हुए उन्हें निचली अदालत में सरेंडर करने को कहा है।