उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन पोर्टल खोलें, लंबित शिकायतों को देखें और तय समय सीमा में समाधान करें। डीएम ने यह भी कहा कि समाधान के बाद शिकायतकर्ता से खुद संपर्क करें और जानें कि वह संतुष्ट है या नहीं। यदि संतुष्टि नहीं मिली तो फिर से काम किया जाए।
पोषण विभाग पर डीएम भड़के
बैठक में पोषण विभाग की शिकायतों पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की। कहा गया कि पोषाहार समय से नहीं पहुंच रहा, जिससे वितरण में देरी हो रही है और लाभार्थी नाराज हैं। डीएम ने चेतावनी दी कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
फिजूल शिकायतों पर समय न गंवाएं
मत्स्य विभाग के एक मामले में एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने किसी अधिकारी के तबादले की शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर डीएम ने अफसरों को समझाया कि जब आपके पास ट्रांसफर का अधिकार ही नहीं है तो उसे नीतिगत श्रेणी में डालें और वक्त बर्बाद न करें। उन्होंने दो टूक कहा कि व्यवस्था में सुधार जरूरी है, वरना नतीजे भुगतने को तैयार रहें।
सुबह 10 से 12 तक कार्यालय में जरूर बैठें अफसर
डीएम ने सख्त निर्देश दिए कि सभी अधिकारी सुबह 10 से 12 बजे तक अपने कार्यालय में मौजूद रहें और जनता की समस्याएं सुनें। निस्तारण के बाद खुद शिकायतकर्ताओं को फोन करें और फीडबैक लें।
शून्य फीडबैक वालों पर तय होगी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि अगली समीक्षा बैठक से पहले शिकायत निस्तारण की स्थिति नहीं सुधरी तो जिन अधिकारियों को फीडबैक में शून्य अंक मिले हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में एडीएम प्रशासन पूर्णिमा सिंह, सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह, सभी एसडीएम और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इस दाैरान समाज कल्याण, विद्युत, कौशल विकास, नेडा, मंडी निर्माण, लघु सिंचाई, चकबंदी, पूर्ति, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और नगर पंचायतों से जुड़े लंबित मामलों की गहन समीक्षा की गई।