सुरजेवाला ने कहा कि इस मामले को जांच में बेबुनियाद पाया गया। लोकायुक्त पुलिस ने मामले को खारिज करते हुए अदालत में रिपोर्ट दाखिल की। ईडी ने भी इसी मामले में कार्रवाई की और जब यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा, तो वहां से नोटिस खारिज हो गया। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी की कार्रवाई को सिरे से खारिज कर दिया और ईडी को फटकार लगाते हुए कहा कि राजनीतिक लड़ाइयां मतदाताओं के बीच लड़ी जानी चाहिए, न कि जांच एजेंसियों के कंधे पर रखकर।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूखंड आवंटन मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बी.एम. पार्वती के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यवाही को रद्द करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।