सोनीपत: डीसी कार्यालय रिश्वतकांड में 76 नाम, जांच में नया मोड़
सोनीपत, 5 जुलाई (हि.स.)। सोनीपत में रिश्वत मामले में गिरफ्तार तत्कालीन डीसी डॉ. मनोज
यादव के निजी सहायक शशांक शर्मा को शनिवार को विशेष अदालत में 14 दिन की न्यायिक हिरासत
के बाद फिर से अदालत पेश किया गया। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)
ने जांच को और गहरा करते हुए 76 लोगों की नई सूची तैयार की है, जिनमें कई नाम डीसी
कार्यालय से जुड़े कर्मचारियों के हैं।
प्रारंभ में मामले में केवल आठ लोगों के नाम सामने आए थे जिसमें हरीश
कुमार (सहायक), प्रवीण कुमार (चालक), और अनूप, अखिल, दीपांशु (डीआईटी ऑपरेटर)। लेकिन
अब यह संख्या 76 से अधिक पहुंच चुकी है। लिस्ट में अजय, अमित, अंकुर शर्मा, अन्नपूर्णा,
अनुप, आशीष, दीपक, दिनेश, हरीश, जसवंत, कुलदीप, मोहित, मोनिका, पूजा, राहुल, राजेश,
राकेश, रीना, रिंकू, साहिल, संदीप मलिक, सुरजीत, विकास समेत दर्जनों अन्य नाम हैं,
जिनमें से कुछ सरकारी पदों पर हैं और कुछ निजी संपर्क माने जा रहे हैं। सभी के बैंक
खाते और लेन-देन की जांच की जा रही है।
जांच के बीच डीसी कार्यालय के कई कर्मचारी अचानक छुट्टी पर
चले गए हैं या बीमारी का बहाना बना रहे हैं। जिससे पूरे स्टाफ की भूमिका पर सवाल खड़े
हो गए हैं। ऐसे में एसीबी ने उन सभी कर्मचारियों को रडार पर ले लिया है जिनका नाम सूची
में है या जिनके लेन-देन संदिग्ध हैं। एडवोकेट राजेश दहिया ने शनिवार को आरोप लगाते हुए कहा कि शशांक
शर्मा बीते आठ वर्षों से एक ही सीट पर बने हुए थे, जो बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव
नहीं। उन्होंने इस नियुक्ति के पीछे कुछ रसूखदारों की मिलीभगत की बात कही है। एसीबी
अब दोबारा रिमांड की मांग कर सकती है ताकि वित्तीय लेन-देन और साजिश का पूरा जाल उजागर
किया जा सके।
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