चित्तौड़गढ़ में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शनिवार को, जयपुर से आएगी विशेष संकीर्तन टीम

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चित्तौड़गढ़ में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शनिवार को, जयपुर से आएगी विशेष संकीर्तन टीम

चित्तौड़गढ़, 27 जून (हि.स.)। शहर के मीरा मार्केट स्थित इस्कॉन मंदिर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन शनिवार को होगा। आयोजन को लेकर वृहद स्तर पर तैयारियां की गई है। भगवान जगन्नाथ के रथ को भक्त खींचेंगे। रथयात्रा का विभिन्न समाज एवं संगठनों की और से स्वागत किया जाएगा। इस्कॉन की और से रथयात्रा के मार्ग को तय करते हुवे प्रशासनिक स्वीकृतियां भी ले ली गई है। इस आयोजन में जयपुर से आने वाली संकीर्तन टीम आकर्षण का केंद्र रहेगी।

इस्कॉन चित्तौड़गढ़ मंदिर प्रभारी मधुर मुरली प्रभु ने बताया कि चित्तौड़गढ़ में शनिवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली है। रथयात्रा शहर के मीरा मार्केट से शनिवार दोपहर 3 बजे प्रारंभ होगी यहां रथ पर भगवान को सर्वप्रथम 56 भोग लगाए जाएंगे एवं नृत्य प्रस्तुतियां होंगी। इसके बाद भगवान जगन्नाथ की महाआरती होगी और भगवान नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे। रथयात्रा में भक्तगण भगवान के रथ को खींचेंगे। यह रथयात्रा शास्त्रीनगर चौराहा, कलक्ट्रेट सर्किल होते हुए भारत पेट्रोल पंप, चामटी खेड़ा चौराहा होते हुए, सिटी पेट्रोल पंप, अप्सरा टॉकीज से ऋतुराज वाटिका आकर पूर्ण होगी। यहां सभी भक्तों के लिए जगन्नाथ के प्रसाद की व्यवस्था रहेगी। यात्रा के मुख्य आकर्षण के केंद्र जगन्नाथ का सुंदर रथ, जयपुर से आई विशेष कीर्तन टीम व मशक बैंड रहेंगे। इस्कॉन की और से प्रतिवर्ष रथ यात्रा का भव्य आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं। इस्कॉन चित्तौड़गढ़ के प्रभारी ने बताया कि जगन्नाथ रथ यात्रा का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। पद्म पुराण में कहा गया है कि रथ पर आरूढ़ जगन्नाथ के दर्शन करने से व्यक्ति को मुक्ति मिलना निश्चित हैं। रथ यात्रा गोपियों के भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम का प्रतीक हैं। भागवत में कथा है कि जब गोपियां कुरुक्षेत्र में भगवान से मिली तो उन्होंने भगवान से कहा कि आप भी वही श्रीकृष्ण है और हम भी वही गोपियां लेकिन फिर भी हमारा मिलन अधूरा है क्योंकि यह स्थान वृंदावन नहीं हैं। ऐसा कहकर गोपियां श्रीकृष्ण को खींचते हुए वृंदावन चलने के लिए निवेदन करती हैं। रथ यात्रा में भगवान के रथ को खींचने के पीछे भक्तों का यही भाव रहता हैं। भगवान श्रीकृष्ण भी अपनी भक्त गोपियों को देख कर अत्यंत प्रेमाविष्ट रहते हैं। इस लीला पर ही यह रथयात्रा उत्सव आधारित हैं।

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