रानी लक्ष्मीबाई की बलिदान ज्योति यात्रा निकलेगी 17 जून को
झांसी से ग्वालियर के लिए बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर रवाना होगी यात्रा
झांसी, 16 जून (हि.स.)। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर 17 जून मंगलवार को बलिदान ज्योति यात्रा झांसी के ऐतिहासिक दुर्ग की प्राचीर से प्रारंभ होकर ग्वालियर रानी झांसी बलिदान स्थल तक जाएगी। यात्रा में 700 बाइक व 50 चार पहिया वाहन शामिल होंगे। यह जानकारी राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया ने दी।
इतिहास के पन्नों में अपने शौर्य और वीरता के लिए स्वर्ण अक्षरों में दर्ज वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का 18 जून को बलिदान दिवस मनाया जाता है। पिछले 18 वर्षों से राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया के नेतृत्व में झांसी किले की तलहटी से चलकर ग्वालियर स्थित महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान स्थल संत गंगादास जी की कुटिया जिसे बड़ी शाला कहा जाता है, तक बलिदान ज्योति यात्रा निकाली जाती है। हर वर्ष की तरह बलिदान ज्योति यात्रा इस वर्ष भी 17 जून को दोपहर 3 बजे झांसी किले से प्रारंभ होगा इलाईट चौराहा, सीपरी बाजार, आवास विकास चौराहा, बिहारी तिराहा होकर बायपास मार्ग से ग्वालियर के लिए प्रस्थान करेगी। जिसमें करीब 700 बाइक और 50 चार पहिया वाहन सम्मिलित होंगे।
यात्रा का स्वागत झांसी में जगह-जगह होगा। इसके अलावा दतिया,डबरा और ग्वालियर में भी करीब 6 किलोमीटर चलने वाली यात्रा में दोनों और खड़े स्त्री पुरुष पुष्प वर्षा का स्वागत करते हैं। यह बलिदान यात्रा जब बलिदान स्थल पहुंचेगी तो वहां पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ किया जाएगा जिसमें महारानी के समस्त अस्त्र-शास्त्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। यात्रा में जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता रहेगी।
केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया ने खेद जताते हुए कहा कि जिस प्रकार से बलिदान यात्रा का स्वागत ग्वालियर में किया जाता है झांसी में उसके अनुपात में 2 प्रतिशत भी नहीं होता।
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