श्री गोविंद गोधाम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में अभिमन्यु वध का मार्मिक प्रसंग!

Share

पिंजरापोल गौशाला की फोकल प्वाइंट शाखा में स्थित श्री गोविंद गोधाम मंदिर में श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा की दूसरी दिन की विशेषता रही। इस दिन कथा के दौरान महाभारत के अभिमन्यु वध के घटनाक्रम को सुनकर श्रद्धालु गंभीरता से भावुक हो गए। आचार्य हरीश शास्त्री ने इस प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि कैसे कौरवों ने युद्ध के नियमों की अवहेलना करते हुए चक्रव्यूह में अभिमन्यु का वध किया। इस अत्याचार को सुनकर उसकी पत्नी उत्तरा ने अपने प्राण त्यागने का निश्चय किया, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उनके गर्भवती होने के कारण उन्हें सती होने से रोक दिया। यह कहानी सुनते हुए सभी श्रद्धालुओं ने उस समय की करुणा और भगवान की दया का अनुभव किया।

आचार्य ने कथा में यह भी बताया कि कुरुक्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। उन्होंने अर्जुन को यह सलाह दी कि उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करते रहना चाहिए और उसके परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह सीख आज भी भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कथा के दौरान राजा परीक्षित को श्राप मिलने का प्रसंग भी सुनाया गया। यह कहानी सुनकर श्रद्धालु ध्यानमग्न हो गए और भगवत कथा के गूढ़ अर्थ को समझने का प्रयास किया।

कथा के दौरान एक विशेष क्षण तब आया जब आचार्य ने “लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा” भजन गाया। इस भजन के साथ ही वातावरण भक्तिमय हो गया और श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। संकीर्तन ने सभी को एक आध्यात्मिक सत्र में बांध दिया और पूरे मंदिर में भक्ति का अनुभव स्थापित किया। आरती समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया, जिससे devotees का मनोबल और बढ़ गया।

इस कथा में गौशाला के वरिष्ठ उपप्रधान नवल गुप्ता, सचिव अजय बाजोरिया, फोकल प्वाइंट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान संदीप खोसला, दिनेश अरोड़ा और हीरा लाल मदान सहित बड़ी संख्या में प्रेमी भक्तों की उपस्थिति रही। सभी ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया। यह कथा 26 अप्रैल तक प्रतिदिन शाम 4 बजे से हरि इच्छा तक आयोजित की जाएगी, जिसमें भक्तजन सम्मिलित हो सकते हैं। इसके उपरांत 27 अप्रैल को पूर्णाहुति एवं भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है। इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि समाज को एकजुट करने का कार्य भी करता है।