अभाव व अपमान में भी बाबा साहब ने बनाया रास्ताः योगी

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अभाव व अपमान में भी बाबा साहब ने बनाया रास्ताः योगी

–सीएम की अपीलः समाज को जातीय आधार पर बटने नहीं देना है, बल्कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के अभियान के साथ जोड़ना है

–आरोप, जातीय संघर्ष कराना चाहती है सपा व कांग्रेस

–जो समाज महापुरुषों का सम्मान नहीं करता, वह दिग्भ्रमित हो जाता हैः योगी

गोरखपुर, 19 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबडेकर ने अभाव व अपमान में रास्ता बनाया और सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए पूरे देश को सम्मान दिलाया। बाबा साहब के कारण ही बिना भेदभाव हर व्यक्ति को समान मताधिकार के उपयोग की स्वतंत्रता प्राप्त हुई। विकसित और आधुनिक लोकतंत्र के अनेक अग्रणी देश हैं, जिन्होंने अश्वेतों व महिलाओं को मत देने का अधिकार बहुत बाद में दिया, लेकिन भारत ने संविधान निर्माण के साथ ही 1952 के पहले आम चुनाव में ही एससी-एसटी, अतिपिछड़ी व महिलाओं को मत देने का अधिकार दे दिया था। यह बाबा साहब की कलम से ही संभव हो पाया। देश को एकता के सूत्र में बांधने का श्रेय बाबा साहब को ही जाता है।

मुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को गोरखपुर क्लब में अंबेडकर सम्मान अभियान के अंतर्गत विचार गोष्ठी में कहीं।

–पं. नेहरू नहीं चाहते थे कि बाबा साहब को पद मिले

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने मेहनत के साथ संविधान तैयार कराया। लेकिन जब कांग्रेस ने संशोधन में संशोधन प्रारंभ किए तो वे उद्वेलित हुए। कांग्रेस बाबा साहब को संविधान सभा में जाने नहीं देना चाहती थी, लेकिन लोकप्रियता व भारत मां की प्रतिबद्धता के कारण वे संविधान सभा के सदस्य बने। फिर उन्हें ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। पं. नेहरू नहीं चाहते थे कि उन्हें यह पद मिले। इसके लिए काफी षडयंत्र भी किया। बाबा साहब ने अपनी योग्यता व क्षमता से ऐसा संविधान दिया, जो भारत को सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स्थापित करने का गौरव दिलाता है। एससी-एसटी छात्रों को सौ फीसदी छात्रवृत्ति मिले, इस वर्ग के नागरिकों को नौकरियों में आरक्षण मिले, एससी-एसटी व अन्य वंचितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर सम्मानजनक स्थान प्राप्त हो, यह बाबा साहब की देन है।

–बाबा साहब की विद्वता से घबराई थी कांग्रेस, इसलिए उनके मार्ग में खड़ा करती थी बाधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस व सपा लगातार प्रयास करती रही। जिसके कारण समाज में विद्वेष, अराजकता पैदा होता रहे। कांग्रेस ने 1952 में बाबा साहब को चुनाव नहीं जीतने दिया। उन्हें हराने वाले को पद्म पुरस्कार दिया। 1954 उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके निजी सहायक को ही उनके खिलाफ चुनाव लड़ाया, बाबा साहब फिर हार गए। जब हिंदू महासभा के एक सदस्य ने पुणे की सीट छोड़ी, तब बाबा साहब संसद में जा पाए। कांग्रेस उनकी कर्मठता, विद्वता, एससी-एसटी व देश के प्रति प्रतिबद्धता से घबराई थी, इसलिए पग-पग पर उनके मार्ग में बाधा खड़ा करती थी। राहुल गांधी संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं तो आश्चर्य होता है कि यह वही लोग हैं, जिन्होंने डॉ. आंबेडकर का अपमान किया। जब पीएम चंद्रशेखऱ ने वह भवन बाबा साहब के नाम पर आवंटित किया तो कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया। फिर अटलजी ने कार्य पूरा किया, मोदीजी ने स्मारक बनाने का कार्य किया।

–बाबा साहब ने जो 65 वर्ष में किया, वह लोग सैकड़ों वर्ष में नहीं कर पाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने 65 वर्ष में वह करके दिखाया, जो लोग सैकड़ों वर्ष में नहीं कर पाए। 1947, 1956, 1962, 1967, 1971, 1980, 1985, 1991, 2004, 2009 में भी कांग्रेस सरकार देश में थी, लेकिन उनका एक भी स्मारक नहीं बनाया। भाजपा ने उनके पंचतीर्थ बनाए, कांग्रेस, राजद, सपा या अन्य दलों का कोई योगदान नहीं है। 26 नवम्बर की तिथि 2015 से संविधान दिवस के रूप में मनाई जाती है।

–बाबा साहब के आदर्शों को आत्मसात करने वाला एकमात्र दल भाजपा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब के नाम पर लोक लुभावन नारे-भाषण देने वाले अनेक आएंगे, लेकिन उनके मूल्यों-आदर्शों को आत्मसात करने वाले एकमात्र दल भारतीय जनता पार्टी है। बाबा साहब ने अनुयायियों से कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित होकर अन्याय के प्रति प्रतिकार करो। जब हैदराबाद के निजाम ने अत्याचार प्रारंभ किया, तब उन्होंने हिंदुओं और अनुसूचित जाति के लोगों को पत्र लिखा कि किसी भी स्थिति में इस्लाम स्वीकार न करें। यदि बचाव का अंतिम संकट खड़ा हुआ तो पलायन करके महाराष्ट्र आ जाएं, लेकिन निजाम के सामने झुकना नहीं है। निजाम व रजाकारों द्वारा गांव-गांव जलाए जा रहे थे तो बाबा साहब लोगों के साथ खड़े हुए थे। लौहपुरुष सरदार पटेल ने हैदराबाद को निजाम से मुक्ति दिलाई और नागरिकों को सम्मान दिलाया।

–गरीब भूख से मरता था और सपा के लोग उनके नाम पर राशन लेते थे

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं सांसद था तो कुशीनगर में मुसहर समाज के लोगों की भूख से मौत की जानकारी लेने गया था। उस समय प्रदेश में सपा सरकार थी। पता चला कि मुसहर समाज के लोगों के राशन कार्ड सपा पदाधिकारियों के पास थे। गरीब भूख से मरता था और सपा के लोग उनके नाम पर राशन लेता था। आज प्रदेश में हर मुसहर, थारू, वनटांगिया, चेरो, कोल के पास जमीन, मकान, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड भी है। डबल इंजन सरकार जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त की दिशा में बढ़ रही है। जिन्हें अभी तक योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका, एक साथ सरकार उन्हें सेचुरेट करेगी। सीएम ने पीएम स्वामित्व योजना का जिक्र करते हुए बताया कि यूपी में अब तक एक करोड़ लोगों को जमीन के पट्टे आवंटित कर दिए हैं।

–सपा व कांग्रेस कभी जनता के सुख दुःख के सहभागी नहीं बने

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले यूपी व 2014 के पहले अन्य राज्यों में राशन नहीं मिल पाता था, क्योंकि इनकी नीयत सही नहीं थी। इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौत से सर्वाधिक प्रभावित अल्पसंख्यक, एससी व एसटी बच्चे थे। भाजपा के साथ मिलकर मैं अकेले आंदोलन करता था। सपा, कांग्रेस कभी जनता के सुख-दुख में सहभागी नहीं बने, लेकिन जब हम लोग सहभागी बने तो इंसेफेलाइटिस की चपेट में कोई मासूम नहीं आता है। सीएम ने कहा कि 2012 में सत्ता में आते ही सपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा था कि सामाजिक न्याय के पुरोधा भीमराव अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, छत्रपति साहू जी महाराज के नाम पर लखनऊ में बने स्मारक तोड़ेंगे, तब भाजपा ने विरोध करते हुए कहा था कि अगर तोड़ोगो को दो-दो हाथ करेंगे, क्योंकि इन महापुरुषों ने सामाजिक न्याय का नेतृत्व करते हुए समाज को नई दिशा दी और दबे-कुचले के आवाज बने।

–अनुसूचित जाति का उपयोग वोटबैंक के रूप में करते हैं विपक्षी दल

सीएम ने कहा कि सपा जब सरकार में आई तो लखनऊ में कांशीराम के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम ऊर्दू-फारसी, अरबी विश्वविद्यालय कर दिया। कन्नौज मेडिकल कॉलेज से बाबा साहब का नाम बदल दिया। लेकिन हमारी सरकार ने फिर से इसे बाबा साहब के नाम पर किया। यह लोग अनुसूचित जाति का उपयोग वोटबैंक के रूप में करते हैं। सपा को प्रदेश में चार बार शासन का अवसर मिला। लेकिन यह गरीबों के मकान, स्वास्थ्य कार्ड, राशन, जमीन का पट्टा, कन्याओं की शादी, सुरक्षा नहीं दे सके, 2015-16 में अनुसूचित जाति की छात्रवृत्ति रोक दी थी। यह विकास सिर्फ अपना और परिवार का करते थे, लेकिन मोदी का मंत्र सबका साथ-सबका विकास है। सपा और कांग्रेस जाति के नाम पर बांटने के पक्षधर थे। सीएम ने कहा कि जो समाज महापुरुषों का सम्मान नहीं करता, वह दिग्भ्रमित हो जाता है। इंडी गठबंधन से जुड़े दल लोकसभा चुनाव में भी गुमराह करते थे, लेकिन पीएम मोदी ने संविधान की मूल प्रति को सिर पर रखकर नई संसद में स्थापित करने का कार्य किया।

–जातीय संघर्ष कराना चाहती है सपा व कांग्रेस

मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा व कांग्रेस देश-प्रदेश में जातीय संघर्ष कराना चाहती है। सपा का एक विधायक महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी का अपमान व औरंगजेब का महिमामंडन करता है। इनका सांसद राणा सांगा का अपमान और राम जन्मभूमि तोड़वाने वाले विदेशी आक्रांता बाबर का महिमामंडन करता है। सपा मुखिया लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का अपमान करते हैं। जिस जिन्ना के कारण पाकिस्तान में हिंदू मारे-काटे जा रहे हैं, बांग्लादेश में दलित हिंदुओं के साथ निर्मम अत्याचार हो रहे हैं, सपा उस जिन्ना का महिमा मंडन कर रही है। यह कुत्सित मानसिकता दलितों-वंचितों, गरीबों का हित नहीं होने देना चाहती है। सबका साथ-सबका विकास के अभियान को नहीं बढ़ना देना चाहती, क्योंकि यह हुआ तो इनके परिवार के विकास का अभियान बेनकाब हो जाएगा। सीएम ने अपील की कि समाज को जातीय आधार पर बटने नहीं देना है, बल्कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के अभियान के साथ जोड़ना है।

इस दौरान सांसद रवि किशन, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष देवेश श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति प्रो. चंद्रशेखर आदि मौजूद रहे।

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