पंजाब की प्रसिद्ध गायिका सुनंदा शर्मा को हाल ही में एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत मिली है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले म्यूजिक प्रोड्यूसर पिंकी धालीवाल की गिरफ्तारी के बाद सीएम भगवंत मान और उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर के समर्थन में सुनंदा ने एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में उन्होंने पंजाब महिला आयोग की प्रमुख लाली गील का भी धन्यवाद किया और उन सभी कलाकारों को सराहा, जिन्होंने उनके पक्ष में आवाज उठाई। यह वीडियो सुनंदा द्वारा पिंकी धालीवाल के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद जारी किया गया, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त किया।
सुनंदा शर्मा ने वीडियो में कहा, “मैं सीएम भगवंत मान, उनकी पत्नी और महिला आयोग को दिल से धन्यवाद करती हूं। मेरी आवाज को तुरंत सुना गया और आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाए गए।” उन्होंने पंजाब संगीत उद्योग के सभी सहयोगियों का भी आभार व्यक्त किया, जो उनके साथ खड़े रहे। उनके अनुसार, दो वर्षों की कठिनाई के बाद उन्हें अब राहत मिली है और वे एक स्वतंत्र कलाकार के रूप में अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। सुनंदा ने यह भी कहा कि दुनिया भर में उनके समर्थकों ने उन्हें समर्थन देकर उनकी ताकत बढ़ाई है और वे सबके लिए अच्छे की कामना करती हैं।
इससे पहले, सुनंदा शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में स्पष्ट किया था कि कुछ व्यक्ति और संस्थाएँ उनके व्यवसायिक अनुबंधों पर अपने विशेष अधिकार होने का झूठा दावा कर रही हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे एक स्वतंत्र कलाकार हैं और उन्होंने किसी भी व्यक्ति या संस्था को अपने पेशेवर कार्यों के लिए कोई भी अधिकार नहीं दिया है। उन्हें यह भी संदेश दिया कि जो लोग उनके व्यवसायिक अनुबंधों में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पिंकी धालीवाल के खिलाफ यह मामला तब शुरू हुआ जब सुनंदा ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी के प्रयासों और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की। इससे पहले, सुनंदा की शिकायत के बाद पुलिस ने धालीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिर, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश को रद्द कर दिया और उन्हें थाने से मुक्त कर दिया। यह मामला न केवल सुनंदा की व्यक्तिगत पीड़ा का साथ था बल्कि पंजाब के संगीत उद्योग में अनियमितताओं के खिलाफ उठाए गए कदमों का भी प्रतीक था।
सुनंदा का यह अनुभव न केवल उनके लिए बल्कि अन्य कलाकारों के लिए भी एक चेतावनी रहा है। उनका मामला इस बात का प्रमाण है कि कलाकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी तरीके का इस्तेमाल किया जा सकता है। अब, सुनंदा अपनी कला के माध्यम से फिर से संगीत की दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार हैं और अपने नए गानों, फिल्मों और शायरी के जरिए अपने प्रशंसकों का मनोरंजन करने की योजना बना रही हैं। उनका साहस और संघर्ष निस्संदेह दूसरों को प्रेरित करेगा।