आमिर खान@60: पहली फिल्म ब्लॉकबस्टर, सही फिल्में न चुनने पर रोए, अब बने सिनेमा के जादूगर!

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बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान आज 60 साल के हो गए हैं। अभिनेता ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ से की थी, जो बॉक्स ऑफिस पर एक हिट साबित हुई थी। इस फिल्म के चलते आमिर को अपने करियर में आगे बढ़ने का सही दिशा नहीं मिल पाया था। उस समय के अन्य सितारों की तरह, आमिर ने भी एक साथ कई फिल्में साइन कर दी थीं, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि यह फैसला गलत था। शूटिंग के दौरान वह खुद को असंतुष्ट पाते थे और अक्सर रोते थे। इस अनुभव ने उन्हें यह सिखाया कि फिल्मों के चयन में सावधानी की आवश्यकता होती है। आज आमिर खान न सिर्फ स्क्रिप्ट और किरदार पर ध्यान देते हैं, बल्कि फिल्म की मार्केटिंग स्ट्रैटजी पर भी जरूरी ध्यान देते हैं।

आमिर की पहली फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में उन्होंने अपने संवादों पर विशेष ध्यान दिया था और अमिताभ बच्चन से प्रेरणा ली थी। फिल्म की मार्केटिंग में भी आमिर ने खुद को आगे बढ़ाया। उन्होंने खुद ऑटो रिक्शा के पीछे फिल्म के पोस्टर चिपकाए थे, जिसपर लिखा था, ‘हू इज आमिर खान? आस्क द गर्ल नेक्स्ट डोर…’। इस मार्च की एक और मार्केटिंग स्ट्रैटजी के तहत, उन्होंने 8 टिकट खरीदने वाले दर्शकों को मुफ्त में पोस्टर देने का भी प्रस्ताव रखा।

आमिर ने अपनी अगली फिल्म ‘लगान’ के लिए गांव के माहौल में रहकर अवधी भाषा सीखी। उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ शूटिंग के दौरान स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और गांव के माहौल को समझा। उनकी मार्केटिंग स्ट्रैटजी में फिल्म के सभी किरदारों के गेटअप में मॉल्स में घूमना और क्रिकेट खेलना शामिल था। आमिर ने यह भी सुनिश्चित किया कि फिल्म की प्रमोशन के दौरान सभी काम करने वाले लोगों ने लोगों के बीच शराब और औरतों से दूरी बनाई रखी।

फिल्म ‘तारे जमीन पर’ में आमिर ने एक शिक्षक का किरदार निभाया और बच्चों के साथ काम करने के लिए उन्होंने कई तकनीकों का इस्तेमाल किया ताकि वह उनके विचारों और समस्याओं को समझ सकें। इस फिल्म की मार्केटिंग में आमिर ने सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल किया। अपने किरदार को समझने के क्रम में, उन्होंने स्वयं को बच्चों की समस्याओं से जोड़ा।

आमिर खान ने अपनी फिल्म ‘गजनी’ में 8 पैक एब्स बनाने के लिए एक साल तक कड़ी मेहनत की। इस फिल्म की मार्केटिंग स्ट्रैटजी में उन्होंने गंजे लोगों का मजाक उड़ाते हुए खुद अपनी फिल्म का प्रमोशन किया। इसके बाद फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में आमिर ने अलग-अलग गेटअप में लोगों के बीच जाकर फिल्म का प्रमोशन किया।

आमिर खान ने हर फिल्म के लिए अपनी मार्केटिंग में अनोखे तरीके अपनाए हैं, चाहे वह ‘पीके’ के लिए भोजपुरी का अभ्यास करना हो, या ‘दंगल’ के प्रमोशन के दौरान गीता फोगाट की शादी में शामिल होना हो। आमिर की मेहनत और अदाकारी ने उन्हें इस उद्योग में एक खास जगह दिलाई है। आज सभी जानते हैं कि आमिर खान का सफर केवल एक्टिंग तक नहीं सीमित है, बल्कि उनकी फिल्मों का चयन, किरदार की तैयारी एवं मार्केटिंग में नवाचार ने उन्हें सिनेमा का बेमिसाल अभिनेता बना दिया है।