10 करोड़ का फुटबॉल स्टेडियम ठप्प: अब चंडीगढ़ में नए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की योजना!

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चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में बनाए गए 10 करोड़ रुपए के फुटबॉल स्टेडियम की स्थिति को लेकर आजकल खेल विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठने लगे हैं। स्टेडियम के निर्माण के बाद भी उचित रखरखाव और सुधार की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई है, जिसके कारण यह बेकार पड़ा है। इस स्थिति में खेल विभाग ने न केवल उस स्टेडियम को छोड़ दिया है, बल्कि अब उन्होंने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स-46 में एक नए इंटरनेशनल फुटबॉल स्टेडियम के निर्माण की योजना भी बनाई है। यह सवाल उठता है कि जब पहले से मौजूद स्टेडियम की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, तो नए निर्माण में करोड़ों रुपए क्यों खर्च किए जा रहे हैं।

सेक्टर-17 का फुटबॉल स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाने का दावा किया गया था, लेकिन निर्माण में कई खामियों के चलते इंजीनियरिंग और खेल विभाग ने इसे हैंडओवर लेने से मना कर दिया। प्रशासन को इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच करानी चाहिए और जिन लोगों की गलती से यह स्थिति उत्पन्न हुई है, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए। परंतु, अब इस स्टेडियम को अर्बन पार्क के रूप में घोषित किया गया है, जिससे इस परियोजना को और भी विवादित कर दिया गया है।

स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स-46 में नए फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके लिए अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट को प्रस्ताव भेजा गया है। जब ड्राइंग तैयार हो जाएगी, तब यह तय होगा कि मौजूदा बास्केटबॉल और वॉलीबॉल कोर्ट को हटाना आवश्यक होगा या नहीं। यह निर्णय खिलाड़ियों और उनके अभ्यास पर भी काफी प्रभाव डालेगा, क्योंकि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स-46 में पहले से ही फुटबॉल, एथलेटिक्स, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल सेंटर चल रहे हैं।

अगर नए फुटबॉल स्टेडियम के निर्माण की योजना को आगे बढ़ाया जाता है, तो सैकड़ों खिलाड़ियों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट होना पड़ेगा। यह न केवल उनके प्रशिक्षण को प्रभावित करेगा, बल्कि उन्हें नए स्थानों पर अनुकुलन करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। इससे खिलाड़ियों की मानसिकता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो खेल की तैयारी में महत्वपूर्ण होती है।

इसलिए, यह आवश्यक है कि खेल विभाग और अन्य संबंधित अधिकारी इस मसले पर ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि खिलाड़ियों को बिना किसी रुकावट के अपनी ट्रेनिंग जारी रखने की सुविधा मिले। साथ ही, पुराने फुटबॉल स्टेडियम की स्थिति को सुधारा जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि इस तरह की समस्याएं भविष्य में न उत्पन्न हों। अगर खेल विभाग सही तरीके से काम करे, तो चंडीगढ़ में खेलों का वातावरण सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकता है।