योगी का खुलासा: पुलिस अफसर के बोल का असली मतलब, सुनकर दंग रह जाएंगे आप!

Share

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के सीओ अनुज चौधरी का खुलकर समर्थन किया है। सीएम ने कहा कि अनुज चौधरी एक पूर्व ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता पहलवान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक पुलिस अधिकारी अपने पहलवान होने का नजरिया रखते हुए बोलते हैं, तो कुछ लोगों को बुरा लग सकता है। योगी ने होली से जुड़ी भावनाओं का सम्मान करने की बात करते हुए कहा कि होली एक बार होती है और जुमे की नमाज हर शुक्रवार को होती है, इसलिए हर किसी को एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करना चाहिए।

सीएम ने बताया कि मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पहले ही इस बात की अपील की है कि होली के दौरान भाइचारे को बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति नमाज पढ़ना चाहता है तो वे अपने घर पर भी ऐसा कर सकते हैं, किसी को मस्जिद जाने की आवश्यकता नहीं है। होली के रंगों को लेकर सीओ अनुज चौधरी ने भी एक महत्वपूर्ण बात कही है कि जो लोग रंगों से बचना चाहते हैं, वे अपने घर पर रह सकते हैं। इस तरह से शांति बनी रहेगी और संदेश भी सही जाएगा।

सीओ ने कहा कि यदि किसी को होली के रंगों से आपत्ति है, तो वे अपने घर पर रहकर त्योहार को स्थगित कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने दिल को बड़ा रखना चाहिए और एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करना चाहिए। अनुज चौधरी ने इसे लेकर अपील की कि हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष मिलकर एक-दूसरे का सम्मान करें और अनावश्यक रूप से किसी पर रंग न डालें। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शांति व्यवस्था भंग करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, सीओ अनुज चौधरी के बयान पर राजनीति भी गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने अनुज चौधरी को सख्त चेतावनी दी है और कहा कि यदि उन्होंने दंगा कराया है तो उनकी बातों पर भरोसा करना मुश्किल है। कांग्रेस नेता आदित्य गोस्वामी ने भी अनुज चौधरी के बयान को नफरत फैलाने वाला करार दिया है।

इसी बीच, अयोध्या भूमि विवाद मामले के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि होली और दीवाली की परंपरा का पालन वे बचपन से करते आए हैं। उनका मानना है कि रंगों में कोई भेदभाव नहीं है और उन्हें इससे कोई परहेज नहीं है।

कुल मिलाकर, होली और जुमे की नमाज से जुड़ी ये बातें समाज में एकता और सहिष्णुता के संदेश को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं, जबकि किसी भी प्रकार की अशांति पर नजर रखने के लिए प्रशासन सतर्क है। हालांकि, सीओ के बयानों पर देशभर में बहस जारी है। ऐसे में यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला कैसे आगे बढ़ता है।