शिवसेना की धमकी: 13 मार्च से भूख हड़ताल पर जाएगी पार्टी!

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जालंधर | शिवसेना हिंदू नेताओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से 13 मार्च को पंजाब के डीजीपी कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन आयोजित करेगी। इस संबंध में शुक्रवार को शिवसेना उत्तर भारत के राष्ट्रीय प्रमुख दीपक कंबोज के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में दीपक कंबोज ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शिव सैनिकों को खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों द्वारा जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, फिर भी पुलिस सुरक्षा की सुनिश्चितता में नाकाम साबित हो रही है।

बैठक में शामिल अन्य प्रमुख सदस्यों में रंजीत कुमार सनी संत, भवानी सेना के पंजाब अध्यक्ष पूजा, राष्ट्रीय प्रभारी सोनू थापर सहित अन्य महत्वपूर्ण सदस्य भी उपस्थित रहे। इस दौरान दीपक ने यह भी कहा कि जब तक सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक वे अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। इन धमकियों के चलते शिवसैनिकों के मन में भय व्याप्त हो गया है, जिससे उनका काम प्रभावित हो रहा है।

दीपक कंबोज ने पुलिस प्रशासन से अपील की कि वे गंभीरता से इस मुद्दे को लेकर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि यदि समय पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो शिवसेना को अपने आंदोलन को और तेज करने पर मजबूर होना पड़ेगा। उनका यह प्रदर्शन सिर्फ शिव सैनिकों की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि समस्त हिंदू नेताओं के खिलाफ बढ़ते आतंक के खिलाफ आवाज उठाने के लिए भी होगा।

इसके साथ ही, दीपक ने यह भी सूचित किया कि उन्हें डराने-धमकाने के मामले में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जब भी शिवसेना के कार्यकर्ताओं को डराने की कोशिश की जाती है तो शिवसेना इन मामलों को गंभीरता से लेगी और उचित जवाब देने के लिए तैयार रहेगी। शिवसेना का यह कदम स्पष्ट रूप से उनके आंदोलन की गंभीरता को दिखाता है और यह दर्शाता है कि वे अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर कितने चिंतित हैं।

इस धरना-प्रदर्शन के लिए शिवसेना ने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होने की अपील की है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि हिंदू नेताओं की सुरक्षा में कोई भी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस प्रकार का कदम उठाकर शिवसेना ने न केवल अपने कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास किया है, बल्कि समाज में एकजुटता का भी संदेश दिया है। एक मजबूत आवाज के साथ, शिवसेना अपने अधिकारों के लिए डटी हुई है और सुरक्षा की मांग को लेकर दृढ़ता से खड़ी है।