सीहोरः महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं बिछौली गांव की संगीता मालवीय
-छह हजार ऋण लेकर शुरू की औषधीय पौधों की खेती, आज 5 करोड़ 80 लाख रुपये से अधिक टर्नओवर वाली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की है डारेक्टर
सीहोर, 07 मार्च (हि.स.)। बीते कुछ सालों में चूल्हा-चौका तक सीमित रहने वाली ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाए अब घर की चार दीवारी से बाहर निकल कर न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में योगदान रे रही हैं, बल्कि आत्म निर्भर और स्वावलम्बी बन रहीं हैं। अब वे घर-परिवार और अपने फैसले खुद ले रहीं हैं। समाज में अपनी एक अलग पहचान भी बना रही हैं। जिले की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में स्व-सहायता समूह महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहे हैं।
जनसम्पर्क अधिकारी देवेन्द्र ओगारे ने शुक्रवार को बताया कि सीहोर के इछावर विकासखण्ड के बिछौली गांव की संगीता मालवीय एक ऐसी सफल महिला है, जिसने स्व-सहायता समूह से जुड़कर आपने काम की शुरूआत की और आज वह एक फार्मर प्रोड्यूशर कंपनी की डारेक्टर है। इस फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का का टर्न और 05 करोड़ 83 लाख रुपये है और उनके समूह ने बीते 10 महीनों 12 लाख रुपये की आय आर्जित की है।
संगीता मालवीय ने न केवल अपनी एक अलग पहचान बनाई है, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई है। मां गौरी आजीविका स्वसहायता समूह की संगीता मालवीय बताती हैं कि मैने 25 रुपये की बचत के साथ समूह से जुड़कर ऋण लेकर काम शुरू किया था। मेरी सक्रियता को देखते हुए मुझे ग्राम संगठन में चुना गया। मैने समूह से 06 हजार रुपये का ऋण लेकर औषधीय खेती प्रारंभ की। इससे मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगी। अब मेरी आमदनी 01 लाख 20 हजार सालाना हो गई है। इसके साथ ही मैं यहां की फॉर्मल प्रोड्यूसर कंपनी की डायरेक्टर भी बन गई हूं। स्व सहायता समूह के माध्यम से मेरी अपनी एक पहचान बन गई है। संगीता मालवीय अपनी इस सफलता के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर उन्हें बता चुकी हैं।
संगीता बतातीं हैं कि उनके समूह द्वारा बनाई गई फॉर्मल प्रोड्यूसर कंपनी में 2000 से अधिक किसान जुड़े है। कंपनी द्वारा बीज और गेहूं सोयाबीन, मक्का, खरीदी का काम किया जाता है। कंपनी का अभी तक का टर्नओवर 5 करोड़ 83 लाख तक पहुंच गया है। इसके साथ ही स्वसहायता समूह की इस साल अभी तक 12 लाख से भी अधिक आय हुई है। संगीता ने बताया कि हमारे समूह से दो हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। इनमें से 1200 दीदिया लखपति बन चुकी हैं।
संगीता बताती हैं कि मैंने सरकार की ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है और अब ड्रोन उड़ाने का कार्य भी कर रही हूं। उन्होंने बताया कि उनके स्व-सहायता समूह की महिलाएं फसलों के उपार्जन का काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि विगत 07 वर्षों के सफर में स्वयं की आर्थिक स्थिती मजबूत बनाने के साथ ही सैकड़ों महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने का प्रयत्न किया और उन्हें विभिन्न गतिविधियों से जोड़ते हुए आज लखपति दीदी की श्रेणी में ला कर खड़ा किया है। सीहोर जिले की श्रीमती संगीता मालवीय महिला सशक्तिकरण की एक मिशाल हैं।