गुरुग्राम: महिलाएं जितनी सशक्त होंगी, उतना ही सशक्त होगा परिवार: बीके दीप्ति
-आध्यात्मिक मूल्य ही देते हैं लीडरशिप क्वालिटी को जन्म
-विश्व महिला दिवस के उपलक्ष में नेतृत्व कला के विकास विषय हुआ संवाद
गुरुग्राम, 7 मार्च (हि.स.)। ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में महिला दिवस के उपलक्ष में नेतृत्व कला के विकास पर शुक्रवार को एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें महिलाओं की भूमिका पर विशेष चर्चा हुई।
साउथ अफ्रीका स्थित ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी दीप्ति ने कहा कि महिला दिवस मनाने का लक्ष्य मातृत्व गुणों को जगाना है। नारी शक्ति का सूचक मानी जाती है। महिलाएं जितनी सशक्त होंगी, उतना ही परिवार सशक्त होगा।
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति इसका सहज माध्यम है। आध्यात्मिकता कोई अलग नहीं है। हम स्वयं ही एक आध्यात्मिक शक्ति हैं। स्वयं को समझना ही आध्यात्मिकता है। आत्मा की शुद्धता ही आध्यात्मिक मूल्यों का संचार करती है। आध्यात्मिक मूल्य ही लीडरशिप क्वालिटी को जन्म देते हैं। आध्यात्मिकता वो ऊर्जा है जिससे परिवर्तन की शक्ति सहज आती है।
ब्राजील से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके लुसियाना ने कहा कि महिलाएं कमजोर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सदा ये समझें कि मैं कमजोर नहीं हूं, बल्कि एक दिव्य शक्ति मुझे गाइड कर रही है। एक अच्छा लीडर वही है जो सही समय पर सही निर्णय लेता है। उन्होंने कहा कि जब हम सकारात्मक ऊर्जा से पूर्ण होते हैं, तभी एक बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकारों के लिए कार्य करने वाली समाज सेविका श्वेता राय तलवार ने कहा कि जीवन में संस्कारों का बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि संस्कार मूलत: माता-पिता एवं शिक्षकों से मिलते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य करने से पहले स्व-चिंतन जरूरी है। स्व-चिंतन हमें स्वयं की क्षमताओं से परिचित कराता है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए बीके हुसैन ने कहा कि जीवन में गुणों की धारणा से ही हमारे मन-वचन-कर्म में एकता आती है। नेतृत्व कला हमारे भीतर स्वाभाविक रूप से छिपी है। असली लीडर वो है, जो सबके दिलों पर राज करता है। उन्होंने कहा कि लीडरशिप कोई स्टेटस नहीं, बल्कि एक गुण है। आप कहीं भी हों, अपने गुणों से नेतृत्व कर सकते हैं। कार्यक्रम में समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 40 से भी अधिक महिला लीडर्स ने शिरकत की।