ब्रिटेन में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर पर खालिस्तानी हमले का मुद्दा गरमाया!

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हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान खालिस्तानी समर्थकों द्वारा घेर लिया जाने का मामला ब्रिटिश संसद में भी उठाया गया। इस संबंध में कंज़र्वेटिव पार्टी के सदस्य बॉब ब्लैकमैन, जो हैरो ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने कुछ विशेष बातें सामने रखी। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि विदेश मंत्री पर हमला अस्वीकार्य है और यह एक गंभीर सुरक्षा चूक को दर्शाता है। उन्होंने संसद में कहा, “जयशंकर पर एक खालिस्तानी समर्थक द्वारा हमले की घटना मानवाधिकारों और लोकतंत्र का उल्लंघन है। यह भारत के साथ-साथ हमारे मित्र देशों के लिए भी अपमानजनक है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”

बॉब ब्लैकमैन ने आगे गृह सचिव से यह आग्रह किया कि वे इस सदन में एक बयान दें कि देश में विदेश से आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी ज़िक्र किया कि इस प्रकार के हमले न केवल भारतीय संसद के खिलाफ बल्कि ब्रिटिश सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हैं। संसद की अध्यक्ष ने भी इस पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यूके में किसी भी विजिटर्स के खिलाफ ऐसी कार्रवाई अस्वीकार्य है। उन्होंने यकीन दिलाया कि गृह सचिव से स्थिति पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर 9 मार्च तक ब्रिटेन के दौरे पर हैं और उन्होंने चैथम हाउस जैसे प्रतिष्ठित स्थान पर भारतीय समुदाय से संवाद किया। लेकिन उनकी इस उपस्थिति से पूर्व ही खालिस्तानी समर्थक सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे। इसका सामना करते हुए सुरक्षा व्यवस्था की कमी स्पष्ट रूप से दिखी, क्योंकि प्रदर्शनकारियों को देखकर आवश्यक सुरक्षा कदम नहीं उठाए गए। घटना के दौरान, एक खालिस्तानी समर्थक ने जयशंकर की कार का रास्ता रोका और भारतीय तिरंगे को नष्ट करने जैसी शर्मनाक हरकत की।

भारत सरकार ने जयशंकर की सुरक्षा में हुई लापरवाही की निंदा की और विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने घटना के वीडियो फुटेज को देखा है। मंत्रालय ने अलगाववादियों और चरमपंथियों की भड़काऊ गतिविधियों की भी निंदा की और यह आशा की कि ब्रिटेन सरकार इस मुद्दे पर अपने कूटनीतिक दायित्वों का पालन करेगी। साथ ही, यूनाइटेड किंगडम ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार सबको है, लेकिन किसी भी प्रकार की धमकी देना या सार्वजनिक कार्यक्रमों में व्यवधान डालना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

इस घटना ने भारत और ब्रिटेन के बीच के संबंधों को प्रभावित किया है और साथ ही यह सुरक्षा व्यवस्था की कमी पर भी सवाल खड़े करता है। ब्रिटिश प्रवक्ता ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने तेजी से स्थिति का सामना किया और यूके अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुसार सभी राजनयिक आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं, बल्कि विभिन्न सामने आने वाले समुदायों के बीच तनाव भी बढ़ा सकती हैं।