उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों से मौसम काफी अनुकूल बना हुआ है। पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही ठंडी हवाओं के कारण प्रदेश के विभिन्न हिस्सों का तापमान बीते 48 घंटों में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। गुरुवार को आगरा और लखनऊ एयरपोर्ट पर हवा की गति 52 किमी प्रति घंटे तक दर्ज की गई। हालांकि, आज पछुआ हवा की रफ्तार कुछ कम होकर 35 किमी प्रति घंटे पर आ गई है। मौसम में बदलाव की एक नई लहर आने वाली है, जिससे आने वाले दो दिनों में अवध में तापमान में भारी बदलाव संभव है। मिड मर्च में आंधी-बारिश का अनुमान है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव के अनुसार, हिमालयी क्षेत्र में 9 से 11 मार्च तक एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में आंधी और हल्की बारिश का कारण बन सकता है। इस बीच, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में ड्राई-डे अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार से पछुआ हवाओं की गति कम हो जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप दिन के तापमान में तेजी से वृद्धि देखने को मिलेगी। अगले तीन दिनों में दिन का तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जबकि रात में ठंड महसूस होगी।
मार्च के महीने में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पिछले 13 वर्षों में चार बार उत्तर प्रदेश में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 2012 में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री, 2013 में 11.7 डिग्री, 2017 में 11.3 डिग्री और 2019 में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री दर्ज किया गया था। हाल ही में, 6 मार्च 2025 को भी तापमान 12 डिग्री तक पहुंच गया था।
गुरुवार को प्रदेश में झांसी का अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ज्यादा रहा, जबकि आगरा में यह 31 डिग्री रहा। दूसरी ओर, नजीबाबाद का तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि राज्य का सबसे ठंडा क्षेत्र रहा। मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को अचानक सबसे अधिक तापमान में गिरावट आई, जिसमें अधिकतम तापमान 6 डिग्री और न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस गिरा। हालांकि, अगले तीन-चार दिनों में तापमान फिर से चढ़ने की संभावना है।
प्रो. मनोज श्रीवास्तव के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों में बर्फबारी हुई थी, जिसके चलते वहां से बर्फीली हवाएं चली आ रही हैं। इनकी वजह से मैदानी क्षेत्रों में अचानक ठंड का अनुभव हो रहा है, जिसका असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ रहा है। इस ठंड के चलते किसानों को गेहूं की फसल को लेकर चिंता बढ़ गई है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, जिन किसानों ने गेहूं की सिंचाई कर दी है, उनकी फसल प्रभावित हो सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पिछले 15 दिनों में बारिश हुई है। इससे फसल गिरने के कारण दाने भी कमजोर हो सकते हैं।