शिवपुरी : दुष्कर्म की शिकार बालिका की हालत नाजुक, ऑपरेशन के बाद प्राइवेट पार्ट्स पर 28 टांके लगाए गए हैं
शिवपुरी, 1 मार्च (हि.स.)। शिवपुरी जिले के दिनारा क्षेत्र के एक गांव में 22 फरवरी को दरिंदगी की शिकार हुई 5 साल की मासूम का ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में इलाज चल रहा है। 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद उसकी हालत नाजुक बनी हुई है शिवपुरी में हालत खराब होने के बाद उसे ग्वालियर रैफर किया गया था और अब ग्वालियर में भी ऑपरेशन किए जाने के बाद स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं है।
डॉक्टरों ने बताया है कि पीड़ित बच्ची की हालत नाजुक है। उसका ऑपरेशन किया गया है पेट पर माल द्वारा बनाया गया है।
शिवपुरी जिले के दिनारा में 16 साल के नाबालिग ने चार दिन पहले 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। डॉक्टर्स का कहना है कि अब वह स्थिर है, लेकिन अगले 48 घंटे उसके लिए कठिन हैं। इन 48 घंटे में उसकी हालत नहीं बिगड़ती है तो सबकुछ काबू में माना जा सकता है। मौत के मुंह से उसे निकाल लाए हैं, लेकिन रिकवर कब तक होगी, फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है।
आरोपित को फांसी होना चाहिए-
ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में मासूम की मां और स्थानीय दिनारा के ग्रामीणों लोगों ने बताया कि बेटी से पास ही रहने वाले एक लड़के ने दरिंदगी की है। बच्ची छत पर खेल रही थी। बेटी ने होश में आने पर बताया कि वो मुझे कईया (गोद) में उठाकर ले गया। इसके बाद गंदी हरकत कर पीटा। आरोपित को फांसी होना चाहिए।
जान बचाना चुनौती था-
पीड़िता बच्ची जब ग्वालियर लाई गई थी तो उसकी जान बचाना चुनौती था। चार दिन पहले दो घंटे चले ऑपरेशन के बाद उसके प्राइवेट पार्ट्स पर 28 टांके लगाए गए हैं। मासूम अस्पताल में दर्द से तड़प रही है। बीच-बीच में होश आता है तो मां की तरफ देखती है। पिता से बेटी की हालत देखी नहीं जा रही है। वे एक बार भी उसे देखने आईसीयू में नहीं जा सके। इस बीच बच्ची की मां ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से गुहार लगाई है। कहा कि उस दरिंदे ने मेरी बेटी की जिंदगी खराब कर दी है, उसे जिंदा मत छोड़ना।
10 से ज्यादा गहरे घाव थे-
कमलाराजा अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि जब बच्ची को ग्वालियर लाया गया था उसकी हालत बेहद नाजुक थी। मासूम के चेहरे, लिप्स, गर्दन और प्राइवेट पार्ट्स पर 10 से ज्यादा गहरे घाव थे। सबसे बड़ी समस्या उसके प्राइवेट पार्ट्स के घाव थे। बच्ची को बेहोश कर ऑपरेशन किया गया। प्राइवेट पार्ट्स पर 28 टांके लगाने पड़े। आंत को कट कर अलग से मलद्वार बनाया गया है। जब बच्ची को होश आता है तो डॉक्टर उससे बात करना चाहते हैं, लेकिन वह जवाब नहीं देती। वह मां को देखती है और रोने लगती है।