आरपीएससी के सदस्य पेपर लीक में शामिल, संवैधानिक आयोग है या गूंगी-बहरी संस्था-हाईकोर्ट

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आरपीएससी के सदस्य पेपर लीक में शामिल, संवैधानिक आयोग है या गूंगी-बहरी संस्था-हाईकोर्ट

जयपुर, 11 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान हाई कोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में सुनवाई करते हुए आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने वीसी से जुडे आयोग चेयरमैन को कहा कि आयोग के सदस्य पेपर लीक में शामिल रहे और एक सदस्य तो दो भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में शामिल रहे, इसके बावजूद भी आयोग ने चुप्पी साधी रही। अदालत ने कहा कि यह संवैधानिक आयोग है या गूंगी-बहरी संस्था। इसके साथ ही अदालत ने मामले में ईडी को भी पक्षकार बना लिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई बुधवार को तीन बजे तक करते हुए राज्य सरकार को कहा है कि वे भर्ती रद्द करने से जुडी समस्त पत्रावलियां अदालत में पेश करे। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

सुनवाई के दौरान आरपीएससी चेयरमैन वीसी के जरिए जुडे और एसओजी के एडीजी वीके सिंह व्यक्तिशः पेश हुए। अदालत के पूछने पर वीके सिंह ने पेपर लीक को लेकर शुरू से लेकर अब तक हुए अनुसंधान की जानकारी की। इस दौरान आयोग सदस्यों की भूमिका सामने आने पर अदालत ने आयोग चेयरमैन से सवाल-जवाब किए। अदालत ने चैयरमेन से पूछा कि उनकी ओर से मामले में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई गई। इस पर चैयरमेन ने कहा कि जब मामले का खुलासा हुआ तब तक आयोग सफल अभ्यर्थियों को लेकर अपनी सिफारिश राज्य सरकार को भेज चुका था। इस पर अदालत ने कहा कि उनके दो सदस्यों के नाम पेपर लीक में आए है, लेकिन आयोग ने कुछ नहीं किया, आरपीएससी का कोई धणी-धोरी है या नहीं। इस दौरान अदालत ने वीके सिंह को कहा कि आयोग ऐसी संस्था है, जहां कुछ भी हो सकता है। इस पर सिंह ने कहा कि पहले ऐसा होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अदालत ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब जो हो रहा है वह तीन-चार साल बाद सामने आएगा।

ईडी को बनाया पक्षकार-सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर ईडी को पक्षकार बनाने की गुहार की गई। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि एसजी ने गत सुनवाई को मामले में ईडी की ओर से प्रकरण दर्ज करने की बात कही है। ऐसे में ईडी को भी सुना जाना जरूरी है। इसलिए ईडी को पक्षकार बनाया जाए। अदालत ने याचिकाकर्ता के इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया।

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