चंडीगढ़ नगर निगम में हाल ही में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव संपन्न हुआ है, जिसके बाद अब नगर निगम की विभिन्न कमेटियों के गठन का कार्य प्रारंभ हो गया है। इस कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण समिति, फाइनेंस एंड कांट्रैक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) के सदस्यों का चुनाव होना है, जिसमें एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इंडिया गठबंधन के बीच टक्कर देखने को मिलेगी। भाजपा की तरफ से पार्षद जसमनप्रीत सिंह और सौरभ जोशी ने अपने नामांकन पत्र भरे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता योगेश ढींगरा और पार्षद सुमन देवी ने भी इस चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की है।
अभी तक एफएंडसीसी के लिए कुल छह पार्षदों ने नामांकन भरा है, जिसमें कांग्रेस के पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी भी शामिल हैं। यह चुनाव 7 फरवरी को नगर निगम कार्यालय में आयोजित किया जाएगा। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के भीतर भी कुछ असंतोष दिखाई दे रहा है। पूर्व मेयर कुलदीप कुमार ने पार्षद पूनम का नाम एफएंडसीसी के लिए सिफारिश हेतु आगे रखा है, जो कि पार्टी की ओर से मेयर उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज चल रही हैं। इसलिए पूनम ने आजाद उम्मीदवार के रूप में अपने नामांकन पत्र भरा है।
यहाँ यह भी महत्वपूर्ण है कि पूनम और उनके पति संदीप अपने को नजरअंदाज किए जाने की नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। पार्टी के अंदर चल रही यह खींचतान स्पष्ट करती है कि एफएंडसीसी मेंबर्स के चुनाव में राजनीतिक समीकरण किस प्रकार बदल रहे हैं। दूसरी ओर, योगेश ढींगरा ने पूनम के नामांकन भरने को केवल एक अफवाह बताया है और कहा है कि इस तरह बिना पार्टी की सिफारिश के कोई नामांकन नहीं भर सकता।
अगर किसी भी प्रस्तावित पार्षद ने अपना नाम वापस नहीं लिया, तो 7 फरवरी को चुनाव होगा जिसमें एफएंडसीसी के लिए केवल पांच मेंबर ही चुने जाएंगे। बीते वर्ष भी थोड़े इसी प्रकार की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जब चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होते ही एक पार्षद ने अपना नाम वापस ले लिया था, जिससे बाकी पांच पार्षद सर्वसम्मति से चुन लिए गए थे।
एफएंडसीसी की अध्यक्षता नगर निगम के मेयर द्वारा की जाती है, और यह समिति मुख्य रूप से नगर निगम द्वारा कराए जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिए बजट approvals देती है। इस प्रकार, एफएंडसीसी का चुनाव नगर निगम के कार्यों के प्रभाव और दिशा को निर्धारित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।