कानपुर देहात में जलभराव की मार से खेतों में सड़ रही धान की फसल

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कानपुर देहात, 30 दिसम्बर । केंद्र और प्रदेश सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसान सम्मान निधि जैसी कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट तस्वीर पेश कर रही है। कानपुर देहात में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और फैक्ट्री मालिकों की मनमानी ने किसानों को भुखमरी के कगार पर ला खड़ा किया है। हालात ऐसे हैं कि अब किसान खेती छोड़कर मजदूरी करने की बात सोचने लगे हैं। क्योकि परिवार का पेट भरना उनकी मजबूरी और जिम्मेदारी दोनो है।

तस्वीर में बैठा हुआ किसान कानपुर देहात के रनिया नगर पंचायत क्षेत्र का है । जहां खेतों में पानी भरा है और उसी पानी में किसानों की उम्मीदें डूबती नजर आ रही हैं। धान की फसल, जो दो महीने पहले कट जानी चाहिए थी, आज भी खेतों में खड़ी है और सड़ रही है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऊपर से फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी खेतों में छोड़ा जा रहा है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।

राज कुमार ( पीड़ित किसान ) का कहना है कि उन्होंने इंजन लगाकर पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन जलभराव इतना ज्यादा है कि प्रयास नाकाम रहे। उप जिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक कई बार लिखित शिकायत की गई, मगर न कोई अधिकारी खेतों तक पहुंचा और न ही समस्या का समाधान हुआ।

फसल खेत में ही सड़ गई, अब घर चलाना मुश्किल हो गया है।

सन्तोष सिंह (पीड़ित किसान ) का कहना है कि घर का पालन पोषण तो करना ही है वैसे तो हमने खेती की है जीवन भर और उसी से अपने परिवार का भरण पोषण किया है पर अब अगर खेत इसी तरह रहेंगे तो मजबूरी में हमे मजदूरी भी करनी पड़ी तो करेंगे। सरकार हमारे लिए सोच रही है पर जमीनी हकीकत कुछ और है सरकार तक यहां के हालात पहुंच सके यह हम सब किसान भाईयों की इच्छा है।

अकबरपुर-रनियां विधानसभा से विधायक और राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला का कहना है कि उन्होंने इसकी व्यवस्था कर दी है । यहां से जल निकासी जल्द की जाएगी जिससे हमारा अन्नदाता अपना खुशहाल जीवन निर्वाह कर सके।