केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब जनता ने जमीन पर साथ देना बंद कर दिया तो विपक्ष के पास केवल संसद के अंदर हंगामा कर अपने को प्रासंगिक दिखाने का रास्ता बचा है। राजनीतिक रूप से इतना प्रयास करने का अधिकार उनका है, वे अपने अधिकार के साथ काम कर रहे हैं। रोहिंग्या घुसपैठ के सवाल पर शेखावत ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है और देश की सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे का बड़ा हिस्सा इसी से सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, आधा समाधान तो इस एसआईआर से ही हो जाएगा। जो लोग एसआईआर का विरोध कर रहे हैं, असली सवाल आप उनसे कीजिए कि वो इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?
राजभवन को ‘लोक भवन’ बनाए जाने के सवाल पर विपक्ष के तंज पर भी शेखावत ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया तो वही लोग बोल रहे थे। अब अगर राजभवन को लोक भवन बनाया जाए तो उन्हें दिक्कत है। यह कॉलोनियल माइंडसेट का हिस्सा है।* प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि गुलामी की मानसिकता से जुड़े प्रतीकों को हटाना और गर्व के साथ भारत की विरासत का संरक्षण करते हुए आगे बढऩा जरूरी है। हम गुलामी की दासता वाले प्रतीकों को खत्म कर, आत्मसम्मान के साथ विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं। राजभवन को लोक भवन बनाने की सोच भी उसी दिशा की यात्रा का हिस्सा है।
मेडिसिन से ज्यादा मेडिटेशन जरूरी :
एक सवाल पर कि इतने कार्यभार के बावजूद उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान कैसे रहती है, शेखावत ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि युवा पीढ़ी के लिए मेडिसिन से ज्यादा मेडिटेशन जरूरी है। अगर व्यक्ति अपने काम को ही मेडिटेशन समझने लगे और उसमें आनंद लेने लगे तो थकान कम लगती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रार्थना में भी एक पंक्ति आती है, ‘यत् कण्टकाकी मार्गं, स्वयं कृतं च सुगमम् कार्यम्’ यानी रास्ता कांटों से भरा हो, लेकिन अगर हमने स्वयं उसे स्वीकार किया है तो वही रास्ता हमें सुगम लगने लगता है। उन्होंने जो काम अपने लिए तय किया है, उसमें वे पूरा आनंद लेते हैं, इसलिए मुस्कान उनके चेहरे पर बनी रहती है।
आज की जनरेशन सबसे सौभाग्यशाली :
नई पीढ़ी को संदेश देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की जनरेशन सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी है, जो न केवल बदलाव की गवाह है, बल्कि बदलाव की निर्माता भी है। भारत बदल रहा है और तेज गति से बदल रहा है। यह पीढ़ी इस बदलाव की केवल दृष्टा नहीं, बल्कि इसकी श्रष्टा भी है। आने वाले समय में यही युवा गर्व से कह सकेंगे कि इस भारत को विकसित हमने बनाया और विकसित भारत में हम जी रहे हैं। उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसमें युवा ऊर्जा निर्णायक भूमिका निभाएगी।