राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्य के अनुसार 2030 तक सभी युवा, प्रौढ़, पुरूष एवं महिलाओं को शत प्रतिशत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान प्रदान कराना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम सभी के लिए शिक्षा के लिए शुरू की गई है। इस सत्र 2025 – 26 में कक्षा नौवीं से 12 वीं के विद्यार्थियों को स्वयंसेवक के रूप में सहभागिता देने पर 10 अंक बोनस देने का प्रावधान किया गया हैं।
उल्लास कार्यक्रम के एसआरजी प्रीति शांडिल्य ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रौढ़ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से जाना जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत पढ़िए कहीं भी कभी भी की थीम पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें दिव्यांगों एवं महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उल्लास मोबाइल एप पर शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का सर्वे कर डाटा एंट्री किया जा रहा हैं। इस सत्र में अब तक उल्लास पोर्टल में कुल 7898 असाक्षरों का पंजीयन कर लिया गया हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत सात दिसंबर को बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान मूल्यांकन परीक्षा आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 200 घंटे पढ़ाई पूर्ण कर चुके लगभग 7393 शिक्षार्थी महापरीक्षा में शामिल होंगे। यह परीक्षा 408 परीक्षा केंद्रों में आयोजित की जाएगी। मार्च में आयोजित उल्लास महापरीक्षा में अनुपस्थित रहे लगभग 50 शिक्षार्थी भी इस महापरीक्षा में शामिल होंगे।