लंदन में लगा ‘डीडीएलजे’ के राज-सिमरन का स्टैच्यू

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प्रतिमा में राज और सिमरन का वह मशहूर पोज़ दर्शाया गया है, जिसने दक्षिण एशियाई समुदायों में पॉप-कल्चर की यादों पर अमिट छाप छोड़ी है। इस अवसर पर अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए शाहरुख़ ख़ान ने कहा कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि डीडीएलजे इतना बड़ा फिनोमेनन बन जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि यूके, विशेषकर लंदन, उनके करियर और स्टारडम की यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। उनके अनुसार यह सम्मान पूरे भारतीय फ़िल्म उद्योग के लिए गर्व का क्षण है।

काजोल ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि 30 साल बाद भी डीडीएलजे दुनिया की सबसे लंबे समय तक चलने वाली फिल्मों में से एक है और गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म विदेशों में बसे भारतीयों के लिए एक भावनात्मक प्रतीक बन चुकी है और यह प्रतिमा उन्हें ‘घर’ की याद दिलाएगी। 1995 में रिलीज़ हुई डीडीएलजे की प्रेम कहानी यूरोप से शुरू होकर भारत में सिमटती है। यह फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत और अविस्मरणीय हिस्सा बनी हुई है।