मिट्टी कला में मिला नया आयाम
कक्षा 11वीं में अध्ययनरत निहारिका को एकलव्य विद्यालय में प्रवेश मिलने के बाद अपनी मिट्टी कला को निखारने का उपयुक्त अवसर मिला। विद्यालय का सकारात्मक माहौल, उपलब्ध संसाधन और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन ने उनकी प्रतिभा को न केवल उजागर किया, बल्कि मजबूत दिशा भी दी।
राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक
निहारिका ने सबसे पहले जगदलपुर में आयोजित राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में अपने उत्कृष्ट कला कौशल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। यह उपलब्धि उनके आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों तक ले गई।
उद्भव 2025 में राष्ट्रीय स्वर्ण पदक
राज्य स्तरीय सफलता के बाद निहारिका ने आंध्र प्रदेश में आयोजित 6वीं ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कला उत्सव—उद्भव 2025—में भी शानदार प्रदर्शन किया। यहां भी उन्होंने मिट्टी कला में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। लगातार दोहरी स्वर्ण उपलब्धि ने उनके विद्यालय और पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है।
शिक्षकों के मार्गदर्शन ने दी मजबूती
निहारिका की इस सफलता में उनके कला शिक्षक राहुल जंघेल और विद्यालय के प्राचार्य संजय कुमार तिर्की का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन शामिल है। बचपन से ही मिट्टी कला में रुचि रखने वाली निहारिका को विद्यालय ने वह मंच दिया, जिसने उनकी कला को नई दिशा और ऊंचाई प्रदान की।
मेहनत और लगन से बन सकती है बड़ी पहचान
निहारिका की उपलब्धि से बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में खुशी का माहौल है। उनकी कहानी उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। निहारिका नाग ने यह साबित किया है कि मेहनत, लगन और सही दिशा मिल जाए, तो कोई भी विद्यार्थी राष्ट्रीय मंच पर अपनी अलग पहचान बना सकता है।