इस वर्ष विश्व दिव्यांगता दिवस की थीम सामाजिक प्रगति को बढ़ाने के लिए दिव्यांगता समावेशन को बढ़ावा देना थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यातायात पुलिस उपायुक्त सुमित मेहरड़ा थे। जबकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कम्युनिटी पुलिसिंग सुनीता मीना विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। अतिथियों ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर विश्व दिव्यांग जागरूकता दिवस रैली को रवाना किया। जिसमें दिव्यांग बच्चे,सामान्य बच्चे, पुलिस अधिकारी और आमजन शामिल हुए।
रैली के बाद मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जिसने सभी का ध्यान खींचा। स्पेशल बच्चों ने मंच पर ‘हम होंगे कामयाब’ गीत को पूरे जोश के साथ प्रस्तुत किया। इसके अलावा बच्चों द्वारा एकल नृत्य और एक प्रभावी नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जिसके माध्यम से उन्होंने समाज में अपने अधिकारों और समावेशन के महत्व को दर्शाया।
इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुरक्षा प्रशिक्षण रहा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता मीना ने कालिका पेट्रोलिंग यूनिट के साथ मिलकर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया। उन्हें विपरीत परिस्थितियों में क्या करें और कैसे करें। इस बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही बच्चों को आपातकालीन स्थितियों में मदद के लिए उपयोगी राजकोप सिटीजन एप के बारे में भी बताया गया।
इस कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने समावेशन को बढ़ावा देने के संबंध में शपथ ली। इस अवसर पर एएसपी सुनीता मीना ने कहा कि ये बच्चे डिसएबल नहीं, बल्कि डिफरेंटली एबल हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि हमें इन्हें सहानुभूति के बजाय समानता का एहसास कराना चाहिए और इनके हौसलों को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से एक महत्वपूर्ण अपील भी की कि दिव्यांग बच्चों की बातों को आसानी से समझने के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को सांकेतिक भाषा की बेसिक ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। इस पहल से दिव्यांग समुदाय के साथ पुलिस का संवाद और विश्वास का रिश्ता मजबूत होगा।