भोपाल में युवक ने खुद का गला रेता, इलाज के दौरान मौत, मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ था

Share

जानकारी के अनुसार 45 वर्षीय आयुष मेहता नेहरू नगर में रहता था और एमबीए करने के बाद घर में रहता था। उसके पिता इंजीनियर थे और प्राइवेट ठेकेदारी करते थे। उनकी मौत हो चुकी है। आयुष का मानसिक संतुलन साल 2002 से बिगड़ा हुआ था। आए दिन बहकी हुई बातें करता था। शादी कराने के लिए मां के साथ विवाद करता था। गुरुवार रात करीब दस बजे आयुष ने अपने कमरे में सब्जी काटने वाली छुरी से स्वयं का गला रेत लिया। मां ने परिजनों और पुलिस को मदद के लिए बुलाया। तत्काल बेटे को परिजनों के साथ अस्पताल लेकर पहुंची, जहां शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के केयर टेकर मनीष चौहान ने बताया कि लंबे समय से युवक का मानसिक संतुलन खराब था। आए दिन मां को पीटता था। बहकी हुई बातें करता था, अमेरिका ले जाने और नासा ले जाने की बातें करता था। कई बार डॉक्टरों से भी बदसलूकी कर चुका था। अक्टूबर में भी उसने गला रेतकर सुसाइड करने का प्रयास किया था। लेकिन तब उसकी जान बच गई थी।