स्वास्थ्य संस्थानों में 70 प्रतिशत डॉक्टर उपलब्ध करवा दिए गए हैं। जबकि अब अल्ट्रासाउंड व एक्सरे सहित अन्य सुविधा दी जाएगी। डायग्नोस्टिक सिस्टम के लिए भी अत्याधुनिक सुविधा दी जा रही है। लिफ्ट व मरम्मत कार्य के लिए पांच करोड़ जारी किया गया। साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों को दरूस्त करने कक जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरकार आने पर देखा कि अस्पताल खाली थे, और मात्र 40 फीसदी स्टाफ था। आईजीएमसी व टांडा में मरीजों को उचित ईलाज के लिए पहले दिन से काम करना शुरू की। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू सोमवार को विधानसभा में धर्मशाला के तपोवन में सत्र के चौथे दिन नियम 62 के तहत नगरोटा बगवां के विधायक आरएस बाली द्वारा टांडा मेडिकल कॉलेज के रखे गए विषय पर बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों में ट्रांसफर का खेल चल रहा था, जिस पर डारेक्टर ऑफ हेल्थ सर्विस व मेडिकल कॉलेजों को अलग करने की बात रखी। मरीज के आपातकालीन में पहुंचने पर मात्र पीजी छात्र ही होते थे, लेकिन अब डिपार्टमेंट ऑफ इमरजेंसी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी में भी राज्य बहुत पीछे था, ईलाज होने से पहले बीमारी का पता ही नहीं लगता था।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखा है, जिस पर अब बजट प्रदान कर कार्य किया जाता है। सीएम ने कहा कि तकनीकी मेडिकल के पद खाली थे, उन्हें वेतन कम था, जिसे बढ़ाया गया है। एनएम बन्द करके बीएससी नर्सिंग शुरू की। टांडा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी की 27 पदों को स्वीकृति व भरने की प्रक्रिया चलाई गई है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कैंसर के इलाज की मशीन तो थी, पर पता जांच करने की मशीन नहीं थी, अब पेट स्कैन मशीन के लिए ऑर्डर किया है। टांडा के लिए 10 ओटी पद स्वीकृत कर दिए। 50 रेडियोग्राफर, 50 ओटीए, 12 प्रोफेसर, 14 असिस्टेंट प्रोफेसर, स्टाफ नर्स के पदों सहित अन्य दर्जनों पद भरे जाएंगे।
टांडा आधे हिमाचल को दे रहा स्वास्थ्य सेवाएं : आरएस बाली
इससे पहले विधायक आरएस बाली ने कहा कि टांडा सहित प्रदेश के सभी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी एमरजेंसी सेवाएं चलाई जा रही है। टांडा में लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया जा रहा है, जिसमें आधे से अधिक हिमाचल को सुविधा मिल रही है। बाली ने कहा रोबोटिक्स सर्जरी के लिए 28 करोड़ की राशि लगाकर सुविधा दी जा रही है। विधायक ने कहा कि टांडा में अत्याधुनिक उपकरणों जल्द से जल्द स्थापित करने होंगे। टांडा में हर दिन अढ़ाई हजार प्रतिदिन ओपीडी रहती है। टांडा में 22 ऑपरेशन थियेटर में मात्र 12 ही चल रहे हैं। एनिथिसिया डॉक्टर न होने से कई ओटी अधर में लटकी हुई है। उन्होंने लगातार रिक्त चल रहे पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग उठाई है। हॉस्टल, भवन निर्माण, पार्किंग, मरम्मत सहित नर्सिंग कॉलेज को सुचारू चलाने के लिए कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने उचित बजट प्रावधान करने की बात कही।