डीसीपी साउथ राजर्षि राज ने बताया बम की सूचना मिलते ही पुलिस के बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड की ओर से पूरे हाईकोर्ट परिसर के चप्पे-चप्पे की जांच की गई। सर्च के दौरान हाईकोर्ट परिसर से न्यायिक कर्मचारियों, अधिवक्ताओं व पक्षकारों को बाहर निकाला। जहां टीमों को अभी तक की जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।
डीसीपी ने बताया कि बदमाश वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं। वीपीएन के कई प्रकार होते हैं। हमारे पास जो टेक्नोलॉजी और मैन पावर है। उसका इस्तेमाल करके आरोपितों जल्दी ही ट्रेस करने का प्रयास कर रहे हैं। आशा है कि जल्दी ही कुछ कामयाबी मिलेगी।
जयपुर में सर्च ऑपरेशन समाप्त होने के बाद हाईकोर्ट में फिर से आवाजाही शुरू हो गई है। पुलिस टीम को किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, जिसके बाद कोर्ट को फिर से चालू कर दिया गया है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने कहा है कि हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर मजाक की सी स्थिति बन गई है। पिछले डेढ़ माह में हाईकोर्ट को तीन बार बम से उडाने का मेल मिल चुका है। लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जांच एजेंसियां अभी तक यह तक मालूम नहीं कर पाए हैं कि मेल कहां से आया है। हर बार मेल मिलने के बाद मुकदमों की सुनवाई बीच में बंद कर दी जाती है और कोर्ट परिसर खाली करा लिया जाता है। जिससे एक और भय का माहौल पैदा हो गया है, वहीं मुकदमों की सुनवाई भी प्रभावित होती है।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि डेढ माह में ही तीसरी बार हाईकोर्ट परिसर को बम से उड़ाने की धमकी मिलना गंभीर है। ऐसे में हाईकोर्ट प्रशासन व पुलिस प्रशासन को इन दोनों ईमेल की जांच करवानी चाहिए कि ये कहां से आ रहे हैं।
हाईकोर्ट चौकी प्रभारी सुमेर सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट धमकी वाला ईमेल पिछले मेल से काफी अलग था। हर बार अलग तरीके का ईमेल आता है। आरोपित किसी समस्या का जिक्र करते हुए धमकी देते हैं, जिसमें कुछ लोकल होती हैं, कुछ स्टेट की होती हैं। धमकी के ईमेल का कोई कॉमन पैटर्न नहीं है। इस मामले में प्रशासन की जांच जारी है।