कुरुक्षेत्र को दुनिया का सबसे गौरवपूर्ण स्थान बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : नायब सिंह सैनी

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-ब्रज की 84 कोसी यात्रा की तर्ज पर कुरुक्षेत्र में स्थित तीर्थों की यात्रा शुरू करने का प्रयास

चंडीगढ़, 1 दिसंबर । हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार कुरुक्षेत्र को दुनिया का सबसे गौरवपूर्ण स्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के बाद वर्ष 2016 से कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सोमवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित 48 कोस तीर्थ सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गीता ज्ञान संस्थानम् के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज के अलावा धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र के विभिन्न तीर्थों के प्रतिनिधिगण तथा श्रद्धालुगण उपस्थित थे। इससे पहले,मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा कुरुक्षेत्र के 48 कोस में आने वाले तीर्थों की जानकारी देने वाली पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी को गीता जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महाभारत काल में आज ही के दिन कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्रीकृष्ण जी ने अर्जुन के माध्यम से मानव मात्र को गीता का कर्मयोग का अमर संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में पिछले 17 दिनों से गीता प्रेमी सज्जन एवं श्रद्धालु 10वें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आनन्द ले रहे हैं। इसके अलावा भी इन दिनों पूरा हरियाणा गीतामयी है। हर जिले में गीता के स्वर गूंज रहे हैं। विभिन्न तीर्थों पर भी गीता महोत्सव की धूम है। राज्य एवं जिला स्तर पर एक साथ मनाया जाने वाला यह महोत्सव धार्मिक, सांस्कृतिक, कला एवं संस्कृति का एक अनुपम उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र के पास ज्योतिसर में जिस वट वृक्ष के नीचे भगवान श्रीकृष्ण जी ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। उस स्थान के जीर्णोद्धार के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने स्पेशल पैकेज दिया था। उन्होंने देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लुप्तप्राय हो रहे तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो समाज अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखता है वह युवा पीढ़ी को अच्छे नैतिक संस्कार देता है। इसलिए हम वेदों, पुराणों व गीता की रचना स्थली हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे नई पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि पावन सरस्वती एवं दृषद्वती नदियों के बीच स्थित कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि में 367 तीर्थ स्थल हैं। इनमें से कुछ लगभग लुप्त हो चुके हैं। हम इन तीर्थों का जीर्णोद्धार कर इनके वैभव को पुनः स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प हैं। वर्ष 2023 में 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के 164 तीर्थों की सूची में सर्वेक्षण एवं दस्तावेजीकरण के पश्चात 18 नए तीर्थों को जोड़ा गया है। इससे अब इस पवित्र भूमि के 182 तीर्थों का दस्तावेजीकरण हो चुका है। यह कार्य अभी जारी है और निकट भविष्य में इस सूची में और भी तीर्थों के जुड़ने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ब्रज की 84 कोसी यात्रा की तर्ज पर 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि में स्थित तीर्थों की यात्रा शुरू की जाए। धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र को भगवान श्रीकृष्ण जी की नगरी मथुरा और धार्मिक स्थल हरिद्वार से जोड़ने के लिए इन मार्गों पर ट्रेन चलाई गई है।

उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा इस समय कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में स्थित लगभग 80 तीर्थों पर विकास कार्य चल रहे हैं। इसमें 80 करोड़ 55 लाख रुपये की राशि से 4 तीर्थ स्थलों-ब्रह्मसरोवर, ज्योतिसर तीर्थ, नरकातारी, सन्निहित सरोवर का विकास शामिल है। इसके अलावा, कुरुक्षेत्र शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहे हैं ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक अच्छी यादें लेकर जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर में लगभग 13 करोड़ 63 लाख रुपये की लागत से लगभग 40 फीट ऊंची विराट स्वरूप प्रतिमा पर स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में जन-जन की आस्था के विभिन्न केन्द्र स्थापित हो रहे हैं। देश के दूरदराज के क्षेत्रों में विद्यमान मंदिरों के दर्शन भी अब कुरुक्षेत्र में किये जा सकते हैं। हमने इन मंदिरों की स्थापना के लिए जमीन अलॉट की है।