उन्मुखीकरण कार्यशाला में किशोरियों ने समझा नेतृत्व और अधिकार

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कार्यक्रम में किशोरियों ने नेतृत्व, अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा। कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और नई कमेटी के जरिए उन्हें निर्णय प्रक्रिया में सहभागी बनाना था।

कार्यक्रम में सामूहिक प्रार्थना के बाद किशोरियों ने परिचय सत्र में हिस्सा लिया और कार्यक्रम से अपनी अपेक्षाएं साझा कीं। मुख्य वक्ता किरण कुमार गोप ने जीआपीएफ के उद्देश्यों पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि बालिकाओं के अधिकार, सुरक्षा, समान अवसर और नेतृत्व क्षमता समाज में सकारात्मक बदलाव का आधार हैं।

सत्र के दौरान किशोरियों को समूहों में विभाजित कर विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा कराई गई। बालिका भेदभाव, बाल विवाह के दुष्प्रभाव, शिक्षा और सुरक्षा से जुड़े अधिकारों तथा रोकथाम उपायों पर किशोरियों ने अपने विचार रखे। चर्चा के दौरान बाल विवाह को मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन बताते हुए इसके प्रति व्यापक जागरूकता की जरूरत पर भी जोर दिया गया।

पूर्व पंचायत समिति सदस्य रघुनाथ गोप ने बालिकाओं को शिक्षा जारी रखने और बाहरी राज्यों में कम वेतन पर काम करने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि बदलते समाज में बेटियों को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलने चाहिए। वहीं सीएफ किरण कुमार गोप ने गिरते लिंगानुपात, भ्रूण हत्या, बाल तस्करी और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सामुदायिक जागरूकता को जरूरी बताया।

कार्यक्रम में जीआपीएफ समित‍ि का गठन किया गया, जिसमें प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का चयन किया गया। सुष्मिता गोप को अध्यक्ष, मधुस्मिता कुमारी को उपाध्यक्ष, जय श्री बालमुचू को सह-उपाध्यक्ष, राधा गोप को सचिव और शकुंतला सुरेन को सह-सचिव चुना गया। नवनिर्वाचित सदस्यों को मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया।