दीपक बैज ने कहा कि राज्य में मनरेगा का काम बंद होने के कारण प्रदेश के बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, जशपुर, बस्तर के कुछ क्षेत्रों से बड़े संख्या में लोग रोजी-रोटी के लिए पलायन करके प्रदेश के बाहर गये है, उन सब का एसआईआर 1 माह में हो पाना कठिन है। इसके साथ ही बस्तर के 600 से अधिक गांव के लोग जो नक्सल प्रभावित थे, वर्षो से बस्तर छोड़ तेलंगाना, आंध्रप्रदेश चले गये थे उनको एसआईआर इतने कम समय में कैसे होगा, यह बड़ा सवाल है। इसलिए यह जरूरी है कि आयोग एसआईआर की अवधि को तीन माह बढ़ाये।
दीपक बैज ने कहा कि एसआईआर को शुरू हुए 26 दिन हो गये अभी तक भौतिक रूप से 50 फीसदी मतदाताओं का प्रपत्र भरकर जमा नहीं हुआ है ऐसे में शेष 10 दिनों में सभी का एसआईआर कैसे हो पायेगा? आयोग सिर्फ कागजी दावे करता है कि 97 प्रतिशत लोगों का फार्म जमा हो चुका है जबकि अभी भी बहुत लोगों तक फार्म नहीं पहुंचा है और जमा भी नहीं हुआ है। सभी को पर्याप्त समय मिले इसलिए भी समय सीमा बढ़ाया जाना चाहिए।
दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अभी चुनाव में तीन साल बचा है। मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण तुरंत एक माह ही करवाना कोई आवश्यक नहीं है इस समय को 3 माह के लिये बढ़ाया जा सकता है। इससे लोगों को सुविधा होगी और सभी को अपने दस्तावेज जमा करने का पर्याप्त अवसर भी मिलेगा।