याचिका में अधिवक्ता वेदप्रकाश सैनी ने अदालत को बताया कि भरतपुर के वैर में 21 अप्रैल, 2023 को सैनी समाज को आरक्षण देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। घटना को लेकर पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें याचिकाकर्ता को भी बतौर आरोपित शामिल कर लिया गया। याचिका में कहा गया कि वह छात्र है और मौके पर मौजूद ही नहीं था। पुलिस ने उसे मामले में गलत तरीके से फंसा दिया है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में जांच अधिकारी को अभ्यावेदन भी दिया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि घटना को लेकर हुई शिनाख्त परेड से साबित है कि याचिकाकर्ता मौके पर ही मौजूद था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले में जांच अधिकारी को निर्देश देते हुए डीएसपी को प्रकरण की मॉनिटरिंग करने को कहा है।