वकील को सीबीआई के समन पर हाई काेर्ट ने लगाई रोक, जांच अधिकारी काेर्ट में तलब

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याचिका वकील सचिन बाजपेयी ने दायर की है। सीबीआई ने 17 दिसंबर को बीएनएसएस की धारा 94 और 197 के तहत पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि लॉर्ड महावीर सर्विसेज इंडिया प्रा.लि. के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गयी है। कंपनी के एक डायरेक्टर ने याचिकाकर्ता वकील से कानूनी सलाह लेने के लिए संपर्क किया।

याचिका में कहा गया है कि कंपनी के एक स्टाफ ने सीबीआई को जांच में सहयोग करते हुए एक दस्तावेज सौंपने की कोशिश की लेकिन उसे गैरकानूनी रुप से हिरासत में ले लिया गया और कई घंटों तक प्रताड़ित किया गया। इसके बाद कंपनी के एक डायरेक्टर के निर्देश पर 15 दिसंबर को याचिकाकर्ता वकील ने सीबीआई को कुछ दस्तावेज और सूचनाओं के साथ एक ई-मेल किया। दो दिनों के बाद याचिकाकर्ता वकील ने अपने मुवक्किल के लिए अग्रिम जमानत हासिल की।

इस मामले के जांच अधिकारी ने 19 दिसंबर को याचिकाकर्ता वकील को एक नोटिस भेजा और प्रमाणित दस्तावेज पेश कर अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया। याचिका में कहा गया है कि सीबीआई की ओर से याचिकाकर्ता वकील को नोटिस भेजना मनमाना है और ये न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप है। याचिका में कहा गया है अगर इस तरह नोटिस भेजा जाने लगेगा तो ये वकीलों के लिए एक परंपरा शुरु हो जाएगी और वकीलों को अपने पेशागत कर्तव्यों के निर्वहन में नियमित तौर पर टारगेट किया जाने लगेगा।