हिमाचल प्रदेश से जुड़ी रेलवे परियोजनाएँ अटकीं : अनुराग ठाकुर ने राज्य सरकार के ‘सहयोग की कमी’ पर लोकसभा में जताई चिंता

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लोकसभा में उनके द्वारा पूछे गए बिना तारांकित सवालों के लिखित उत्तर में रेल मंत्रालय ने साफ कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित वादों को पूरा न करना और ज़रूरी सहयोग न देना प्रोजेक्ट्स की देरी की मुख्य वजह है। मंत्रालय के अनुसार भानुपली-बिलासपुर-बेरी नई लाइन पर अब तक 5,252 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि राज्य सरकार का 1,843 करोड़ रुपये का हिस्सा अब भी बकाया है। साथ ही, परियोजना के लिए आवश्यक 124.02 हेक्टेयर में से केवल 82 हेक्टेयर जमीन ही उपलब्ध कराई गई है, जिससे निर्माण कार्य सीमित दायरे में अटका हुआ है।

रेल मंत्रालय ने बताया कि राज्य में मंज़ूर 214 किमी लंबाई की तीन नई लाइन परियोजनाओं (लागत 17,622 करोड़ रुपये) में से 64 किमी हिस्से पर काम पूरा हो चुका है और इन पर अब तक 8,280 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। वहीं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर-मनाली-लेह लाइन की डीपीआर तैयार हो चुकी है, जिसकी अनुमानित लागत 1,31,000 करोड़ रुपये है और इसे रक्षा मंत्रालय ‘रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण’ मान चुका है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता प्रगति में सबसे बड़ी बाधा बन रही है। उन्होंने राज्य सरकार से बकाया फंड तुरंत जारी करने, शेष भूमि जल्द उपलब्ध कराने और लंबित कानूनी मंजूरियों के लिए तेज़ प्रक्रिया अपनाने की अपील की।

उन्होंने केंद्र, राज्य और रेलवे अधिकारियों की एक संयुक्त मॉनिटरिंग सेल बनाने की मांग भी रखी, जो हर दो हफ्ते में बैठक कर प्रगति की समीक्षा करे।