बालमित्र जिला बनाने हेतु शाला-त्यागी मुक्त पंचायत प्रतियोगिता 2025-26 का आयोजन

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दंतेवाड़ा, 28 दिसंबर । जिले को बालमित्र (चाइल्ड फ्रेंडली) जिला बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण और दूरगामी पहल की शुरुआत की गई है। बालमित्र कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए “शाला-त्यागी मुक्त पंचायत प्रतियोगिता” का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जिले के हर बच्चे को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना और गाँव-गाँव में बाल-अनुकूल वातावरण का निर्माण करना है। प्रतियोगिता के माध्यम से जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत को यह जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग का कोई भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे। इसके तहत पंचायत स्तर पर शाला-त्यागी एवं अप्रवेशित बच्चों की पहचान, उनका पुनः नामांकन, विद्यालय में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा सतत निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।

दंतेवाड़ा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने रविवार काे जिले की सभी ग्राम पंचायतों, जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों से इस प्रतियोगिता में सक्रिय सहभागिता का आह्वान करते हुए कहा कि जब प्रत्येक पंचायत अपने बच्चों की जिम्मेदारी स्वयं लेगी, तभी दंतेवाड़ा सच्चे अर्थों में बालमित्र जिला बन सकेगा। उन्होंने इस पहल को केवल प्रशासनिक कार्यक्रम न मानकर एक सामाजिक आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की अपील की। जिला प्रशासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि अभिभावकों, पालकों और समुदाय की सक्रिय भागीदारी हो। पंचायत स्तर पर रणनीति बनाकर चिन्हांकित बच्चों और उनके अभिभावकों से संवाद एवं काउंसलिंग की जाएगी, ताकि बच्चों का न केवल नामांकन हो बल्कि उनकी नियमित उपस्थिति और सीखने की निरंतरता भी बनी रहे। प्रतियोगिता के अंतर्गत सर्वाधिक बच्चों को विद्यालय से जोड़ने वाली पंचायत को आगामी 26 जनवरी को जिलास्तर पर सम्मानित किया जाएगा तथा विकास कार्यों में प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही ग्रामीण बाल पंजी पोर्टल के माध्यम से पंचायत-वार बच्चों की सूची जारी की गई है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जयंत नहाटा द्वारा जनप्रतिनिधियों को व्यक्तिगत पत्र भेजकर सहयोग का आग्रह किया गया है।