जिला न्यायालय के मीडिया प्रभारी अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार सैयाम ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना 10 और 11 दिसंबर 2016 की दरमियानी रात की है। आरोपित नागेंद्र सिंह(38) पुत्र पूनाराम ठाकरे का अपने साले गुन्नू उर्फ शैलेंद्र पटले से पैसों को लेकर विवाद चल रहा था। नोटबंदी के समय आरोपित ने 1,70,000 रूपये बैक से निकालकर अपने घर में रखे थे, जिसे उसकी पत्नी पिंकी उर्फ सरोजिनी ठाकरे ने कहीं रख दिया था। इस बात को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा हुआ और पत्नी अपने भाई का पक्ष ले रही थी। इसी बात से नाराज होकर नागेंद्र ने अपने साले की हत्या करने की योजना बनाई।
योजना के अनुसार नागेंद्र 10 दिसंबर को सुबह टीवीएस मोटरसाइकिल से जबलपुर गया, एक होटल में कमरा लिया और अपना मोबाइल वहीं छोड़ दिया। उसने घर फोन कर साले को बुलाया। रात करीब 11 बजे जब वह घर लौटा तो बाड़ी में साले से पैसों को लेकर विवाद हुआ। गुस्से में नागेंद्र ने पहले से रखी कुल्हाड़ी से जबड़े और सिर पर वार किया फिर रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने पत्नी, मां प्रमिला ठाकरे और बेटी डाली पर भी कुल्हाड़ी से वार किया। घटना में मां प्रमिला ठाकरे और साले शैलेंद्र की मौत हो गई, जबकि पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल होकर बच गईं।
घटना के समय आरोपी की छोटी बेटी, जो केवल 5 वर्ष की थी, भयभीत होकर पास के पड़ोसी के घर पहुंची और पूरी घटना बताई। पड़ोसी के सूचित करने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच प्रारंभ की। पुलिस द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक नवल किशोर सिंह ने प्रभावी पैरवी की। यद्यपि आरोपी की पत्नी और बेटी ने अदालत में बयान बदल दिए, फिर भी अभियोजन द्वारा प्रस्तुत परिस्थितिजन्य एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपित दोषी सिद्ध हुआ। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, सिवनी ने आरोपित नागेंद्र ठाकरे को धारा 302 आईपीसी के तहत दो बार आजीवन कारावास, धारा 307 आईपीसी के तहत दो बार 10-10 वर्ष का कठोर कारावास, धारा 201 आईपीसी के तहत दो बार 5-5 वर्ष का कारावास एवम कुल 5000 रूपये के जुर्माना से दंडित किया है।