दिल्ली सचिवालय में उत्तराखंड एवं झारखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड और झारखंड की स्थापना भारत के संघीय ढांचे को मजबूत बनाने वाली ऐतिहासिक उपलब्धि रही है। आज 25 वर्ष पूरे होने पर हम इस यात्रा के सभी योगदानकर्ताओं को सम्मानपूर्वक स्मरण करते हैं।

कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान को समृद्ध बनाने में उत्तराखंड और झारखंड के लोगों की परंपराएं, लोक कला और सक्रिय सहभागिता का विशेष महत्व है। यह रजत जयंती समारोह दिल्ली के इस सांस्कृतिक जुड़ाव को और मजबूत करता है। उत्तराखंड राज्य के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय लोक संस्कृति की मनमोहक प्रस्तुतियों की झलक देखने को मिली। ‘कुमाऊंनी, गढ़वाली और जौनसारी अकादमी’ के लगभग एक दर्जन कलाकारों ने उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा को प्रदर्शित करते हुए शानदार प्रस्तुतियां दीं।

कलाकारों ने झोड़ा, चौंफला और तांदी जैसे पारंपरिक लोकनृत्यों की आकर्षक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। इसके साथ ही ‘काफल सांस्कृतिक मंच’ द्वारा ‘हम उत्तराखंडी छां’ नृत्य-नाटिका का मंचन किया गया जिसने दर्शकों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक जड़ों, लोक परंपराओं और जीवनशैली से निकटता से परिचित कराया।

कार्यक्रम में उत्तराखंड की संस्कृति, साहित्य और सामाजिक कार्यों से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियां भी उपस्थित रहीं। इसके साथ गढ़वाल हितैषिणी सभा, उत्तराखंड एकता मंच और पर्वतीय कला केंद्र जैसी सांस्कृतिक संस्थाओं के सदस्यों ने भी सक्रिय भागीदारी की। झारखंड राज्य के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी समाज की संस्कृति को नजदीक से देखने का अवसर मिला। झारखंड स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर हिंदी अकादमी के लगभग 10 कलाकारों ने राज्य की आदिवासी परंपराओं पर आधारित प्रभावशाली प्रस्तुतियां दीं। मंच पर झूमर, पाईका और छाऊ जैसे पारंपरिक जनजातीय नृत्यों का ऊर्जावान और सजीव प्रदर्शन कर कलाकारों ने झारखंड की सांस्कृतिक विविधता और जनजातीय सौंदर्य को जीवंत कर दिया। इसके साथ ही महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी लोकनायक बिरसा मुंडा के जीवन, संघर्ष, सामाजिक नेतृत्व और स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस प्रदर्शनी ने दर्शकों को झारखंड की ऐतिहासिक विरासत और आदिवासी समाज के योगदान को गहराई से समझने का अवसर प्रदान किया।