नेपाली कांग्रेस, जसपा नेपाल, जनमत पार्टी, नेकपा माओवादी केंद्र, लोसपा, नेकपा एकीकृत समाजवादी और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी एक सप्ताह से मधेश भवन के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सात दलों के गठबंधन का कहना है कि संविधान की धारा 168 (3) के अनुसार तत्कालीन प्रदेश प्रमुख सुमित्रा सुवेदी भंडारी ने सबसे बड़े दल के रूप में नेकपा एमाले के विधायक दल के नेता सरोज कुमार यादव के नेतृत्व में सरकार का गठन किया था, जो असंवैधानिक है, इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।
मधेश प्रदेश सभा सदस्य राजकुमार गुप्ता ने अदालत पर विश्वास जताते हुए कहा कि न्यायालय संविधान की रक्षा करेगा और लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अदालत गैर-संवैधानिक समूह को न्याय के माध्यम से पराजित करेगी।