भारत यात्रा पर गए नेपाल के उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री अनिलकुमार सिन्हा और उनके भारतीय समकक्ष पीयूष गोयल के बीच हुई बैठक में यह समझौता संपन्न हुआ। बैठक के दौरान दोनों देशों ने पारगमन संधि (Transit Treaty) के प्रावधानों में संशोधन किया।
नए संशोधित प्रावधानों के अनुसार अब कोलकाता/विशाखापट्टनम से विराटनगर–जोगबनी तक और कोलकाता/विशाखापट्टनम से नौतनवा (सुनौली) तक रेलमार्ग द्वारा तथा वहाँ से भैरहवा तक सड़क मार्ग से सभी प्रकार के कार्गो (माल ढुलाई) की अनुमति दी गई है। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच ‘लेटर ऑफ एक्सचेंज’ का आदान-प्रदान किया गया।
पहले इन दोनों मार्गों से केवल चार प्रकार के थोक सामानों की ढुलाई की ही अनुमति थी। लेकिन अब इस संशोधन के बाद सभी प्रकार के कार्गो माल की ढुलाई संभव हो जाएगी।
नेपाल के उद्योग, वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्रालय के सहसचिव जितेन्द्र बस्नेत ने बताया कि इस समझौते से नेपाल के पारगमन लागत और समय दोनों में कमी आएगी तथा व्यापार को सुगम बनाने में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
बस्नेत के अनुसार मंत्री सिन्हा भारत के विशाखापट्टनम में आयोजित 30वें “पार्टनरशिप समिट 2025” में भाग लेने जा रहे हैं, इसी दौरान उन्होंने नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष से भेंट की।
बैठक में नेपाल–भारत द्विपक्षीय व्यापार, पारगमन व्यवस्था, व्यापारिक अवसंरचना विकास और निवेश प्रोत्साहन से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस अवसर पर मंत्री सिन्हा ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के प्रमाणन प्रक्रिया को सरल बनाने, व्यापार एवं पारगमन व्यवस्था में और सुधार लाने तथा व्यापार सुगमता सुनिश्चित करने पर बल दिया।
उन्होंने भारत की “पड़ोसी पहले नीति” (Neighbourhood First Policy) की सराहना करते हुए कहा कि इस नीति के तहत दोनों देशों को द्विपक्षीय व्यापार, पारगमन प्रणाली और निवेश प्रोत्साहन को और उन्नत बनाने के लिए सहयोग और समन्वय बढ़ाना चाहिए।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत नेपाल को विशेष प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा चल रही है या संशोधन लंबित हैं, उन्हें भी शीघ्र निष्कर्ष तक पहुँचाया जाएगा।
इसके लिए उन्होंने दोनों देशों के संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए द्विपक्षीय तंत्रों को अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।