आईजी क्राइम ने नए कानूनों और तकनीकी पर दिया जोर

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उन्होंने कहा कि निरीक्षण का एक बड़ा उद्देश्य जिले में कार्यरत पुलिस बल के मनोबल को समझना, उनकी आवश्यकताओं और चुनौतियों को जानना है। यदि कोई समस्या मुख्यालय स्तर पर हल की जा सकती है, तो उस पर तत्काल चर्चा की जाएगी। आईजी ने जोर देकर कहा कि नए क्रिमिनल लॉज लागू हो चुके हैं और सीसीटीएनएस पर हमारी प्रक्रियाएं अपडेट हो चुकी हैं। अब सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना है कि हर एफआईआर, चार्जशीट, केस डायरी और अन्य कार्रवाई उसी सिस्टम में दर्ज हो, ताकि डेटा पारदर्शी और सुगम हो सके। पुलिस बल को और अधिक मजबूत बनाने के प्रयासों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, राज्य स्तर पर कई प्रयास चल रहे हैं। थानों में आधुनिक तकनीक, डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम और रियल टाइम रिपोर्टिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर स्तर पर पारदर्शिता जरूरी है। पुलिस का चेहरा जनता के सामने सबसे निचले स्तर का कर्मचारी होता है। उन्होंने कहा जब जनता को यह महसूस होगा कि पुलिस तत्परता और ईमानदारी से काम कर रही है तभी हमारे प्रति विश्वास मजबूत होगा। सदर थाने के निरीक्षण के दौरान आईजी ने थाने की साफ-सफाई, अभिलेख संधारण, मालखाना व्यवस्था और रिकॉर्ड रखरखाव की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने थाने में स्वच्छता और दस्तावेजों के संधारण को संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेट रखना आज की जरूरत है, और इसके लिए सीसीटीएनएस सिस्टम की सही कार्यप्रणाली बहुत जरूरी है।

आईजी ने निर्देश दिया कि नए कानूनों की जानकारी प्रत्येक पुलिसकर्मी तक पहुंचे। हर पुलिसकर्मी को अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। जर्जर पुलिस भवनों की स्थिति पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि खतरनाक स्थिति वाले भवनों को पहले ही कंडम घोषित किया जा चुका है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वर्तमान में कोई भी कर्मचारी खतरनाक भवन में नहीं रह रहा है और भविष्य में ऐसी स्थिति आने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।