मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस दौरान उन्होंने बीबीएमबी से लंबित बकाया राशि जारी करने और बीबीएमबी में हिमाचल प्रदेश से एक स्थायी सदस्य की नियुक्ति की मांग भी की। इसके अलावा उन्होंने केंद्र द्वारा संचालित जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी देने की नीति को लागू करने और उन परियोजनाओं में हिमाचल की मुफ्त रॉयल्टी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का भी आग्रह किया, जिनकी लागत पहले ही वसूल हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश को उसका वैध हक मिले, इसके लिए इस मुद्दे को उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की अगली बैठक के एजेंडा में रखा जाए। उन्होंने 40 साल पुरानी जल विद्युत परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश को सौंपने की भी मांग की।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन किशाऊ और रेणुका बांध जलविद्युत परियोजनाओं के विद्युत घटकों के लिए पूर्ण केंद्रीय वित्त पोषण की मांग की और आग्रह किया कि इन परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को 50-50 प्रतिशत विद्युत प्रदान की जाए।
सुक्खू ने आपदा राहत नियमों की समीक्षा करने और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए एकीकृत सतत विकास योजना का आह्वान किया। उन्होंने पहाड़ी राज्यों के बढ़ते संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्र से विशेष प्रयास करने का आग्रह किया।
हिमाचल प्रदेश में हवाई नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की जानकारी दी और केंद्र से भूमि अधिग्रहण लागत वहन करने, परियोजना के लिए पूर्ण वित्त पोषण की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में एक उच्च ऊंचाई अनुसंधान केंद्र, आइस हॉकी स्टेडियम और साहसिक खेल केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ राज्य की बहुआयामी कार्रवाई और नशे की लत से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार एवं पुनर्वास के प्रयासों की जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्होंने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए राज्य की जीरो टॉलरेंस नीति को लेकर भी जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री ने लद्दाख के साथ हिमाचल प्रदेश की सरचू और शिंकुला क्षेत्रों में अंतरराज्यीय सीमा विवाद का समाधान शीघ्र करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य में वन भूमि पर आवास निर्माण के लिए अनुमति देने की भी अपील की। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी मांग की।
मुख्यमंत्री ने राज्य के राजस्व घाटे को लेकर भी चिंता जताई और विशेष टास्क फोर्स गठित करने की मांग की, ताकि जीएसटी मुआवजे के बावजूद राज्य के 9478 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई की जा सके।