सभी में कथावाचकों ने संक्रांत और महापुरुषों की कथा और स्थानीय संगत ने शब्द कीर्तन सुनाकर संगत को निहाल किया। निर्मल संतपुरा गुरुद्वारे में कथावाचक संत बलजिंदर सिंह शास्त्री और गुरप्रीत सिंह ने कहा कि जो परमात्मा की भक्ति में लीन रहता है उसे कोई कष्ट नहीं होता। गुरु, महापुरुषों के उपदेशों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर का 350 सालाना शहादत दिवस आ रहा है। जिसके अंतर्गत 23 नवंबर को विशाल प्रभात फेरी निकाली जाएगी जो सिंहद्वार से प्रारंभ होकर देशरक्षक तिराहा, दादूबाग पुलिया, कनखल थाना तिराहा, कनखल चौक होते हुए तीजी पातशाही गुरु अमरदास गुरुद्वारे पर समाप्त होगी।
गुरु तेग बहादुर ने और उनके पूरे परिवार ने अपना बलिदान दिया। इस अवसर पर संत तरलोचन सिंह, ज्ञानी पंकज सिंह, परमजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह भाटिया, पूनम नरूला, अपनिंदर कौर, सरबजीत कौर, महिंद्र सिंह, सिमरन कौर, नैनी महेंद्रू, जसविंदर सिंह, बीना चिटकारिया, सतविंदर सिंह, हरविंदर सिंह रिंकू, कुलदीप सिंह, विक्रमजीत सिंह, सतनाम सिंह आदि उपस्थित रहे।