गुरुग्राम: प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मिलकर काम करें संबंधित विभाग: राव नरबीर सिंह

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-चंडीगढ़ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उच्च स्तरीय बैठक में कही यह बात

गुरुग्राम, 13 नवंबर । हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के प्रति पूरी तरह गंभीर है। एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण तभी संभव है, जब सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। इसके परिणाम धरातल पर दिखाई दें। वे गुरुवार को चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उच्च स्तरीय बैठक में बोल रहे थे।

बैठक में राज्य में पर्यावरणीय प्रदूषण नियंत्रण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई तथा आगे की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा हुई।

मंत्री राव नरबीर सिंह ने निर्देश दिए कि यमुना नदी में किसी भी प्रकार का औद्योगिक या सीवरेज प्रदूषित जल न जाने पाए। इसके लिए यमुना कैचमेंट क्षेत्र की 11 ड्रेनों पर स्थापित सीईटीपी और एसटीपी की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ड्रेन के लिए एक नोडल विभाग तथा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए, ंजो नियमित रूप से निरीक्षण करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों को उद्योगों में जाकर एसटीपी की वास्तविक स्थिति की जांच करनी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी प्रदूषित जल यमुना में न पहुंचे।

राव नरबीर सिंह ने कहा कि कॉलोनियों से सीवरेज जल उठाने वाले ट्रैक्टर-टैंकरों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पुलिस विभाग के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि टैंकरों द्वारा एसटीपी पर जल खाली करने के उपरांत वहां से रसीद लेना अनिवार्य किया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जल का निस्तारण निर्धारित स्थान पर ही किया गया है। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि यमुना कैचमेंट क्षेत्र में कुल 242 टैंकर विभाग के पास पंजीकृत हैं, और अवैध टैंकरों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस विभाग को विशेषकर सोनीपत व पानीपत जिलों में नाके स्थापित करने तथा ऐसे वाहनों को जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में कहा कि वाहनों से उत्सर्जित धुएं पर नियंत्रण के लिए पेट्रोल पंपों पर स्थापित प्रदूषण जांच उपकरणों का नियमित निरीक्षण किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में जो कंपनियां प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करती हैं, उनके नियंत्रण की व्यवस्था परिवहन विभाग के स्थान पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपने हेतु शीघ्र ही प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण केवल कागजों तक सीमित न रह जाए, बल्कि इसका ठोस असर जनता के जीवन में दिखाई दे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, जिम्मेदारी तय करें और जनता को स्वच्छ हवा तथा निर्मल जल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राथमिकता से पूरा करें। बैठक में पर्यावरण एवं वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन विनीत गर्ग, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक यश गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।