उल्लेखनीय है कि पिछले महीने अक्टूबर में शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर भी वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया गया था। वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को हुआ था और उनका निधन 8 जुलाई 2021 को हुआ था। वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह और पत्नी प्रतिभा सिंह हैं।
इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। अपने संबोधन में मंत्री विक्रमादित्य सिंह भावुक नजर आए और कहा कि वीरभद्र सिंह ऐसी महान शख्सियत थे जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी प्रदेश और विशेषकर रोहड़ू क्षेत्र में विकास की मजबूत नींव रखी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेशवासियों को संकल्प लेना चाहिए कि वे राजा साहब के दिखाए रास्ते पर चलकर प्रदेश की प्रगति को आगे बढ़ाएं। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि रोहड़ू क्षेत्र के विकास में सरकार किसी तरह की कमी नहीं आने देगी और समय-समय पर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कठिनाइयाँ आती रहेंगी, लेकिन जनता के विश्वास और सहयोग से विकास की गति रुकने नहीं दी जाएगी।
लोक निर्माण मंत्री ने क्षेत्र के विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र की 22 सड़कों के लिए 64 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिससे सड़क नेटवर्क को बड़ा लाभ मिलेगा। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत क्षेत्र में 250 से 300 करोड़ रुपये के कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं। उन्होंने बताया कि रोहड़ू से चिड़गाँव सड़क के लिए 19 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है और कार्य तेजी से चल रहा है। डोडरा-क्वार सड़क के बजट पर केंद्र द्वारा की गई रोक अब हटा दी गई है और कार्य पुनः सुचारू हो गया है।
उन्होंने कहा कि 150 से अधिक आबादी वाले गांवों में सड़कें बनाने का लक्ष्य है, लेकिन इसके लिए लोगों को भूमि हस्तांतरण यानी गिफ्ट डीड उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि जो ठेकेदार समय पर कार्य पूरा नहीं करते, उन्हें भविष्य में कोई काम न दिया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यों में अनियमितताएँ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
इस अवसर पर 11.19 करोड़ रुपये की लागत से बने सन्दौर पुल का लोकार्पण भी किया गया। मंत्री ने कहा कि इस पुल से क्षेत्र के लोगों को आवागमन में बड़ी सुविधा मिलेगी।